ट्रेन ड्राइवर की सैलरी कितनी होती है? | Train Driver ki salary kitni hoti hai

Train driver की सैलरी कितनी होती है? एक ट्रेन चालक को महीने की कितनी तनख्वाह दी जाती है? Loco pilot की सैलरी कितनी होती है? यह सारे सवाल रेलवे में loco pilot की नौकरी पाने की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों और उम्मीदवारों के मन में जरूर ही आते होंगे।

दोस्तों आज के समय में बहुत बड़ी संख्या में विद्यार्थी रेलवे में लोको पायलट यानी ट्रेन ड्राइवर की नौकरी की तैयारी करते हैं।

लोको पायलट का जॉब एक काफी अच्छी सैलरी वाली जॉब होती है, इसी कारण बहुत से विद्यार्थी लोको पायलट के रूप में रेलवे ज्वाइन करना चाहते हैं।

आज यहां इस लेख में हम मुख्यत: इसी की बात करेंगे कि एक ट्रेन ड्राइवर यानी लोको पायलट की महीने की सैलरी कितनी होती है, साथ ही बहुत सारे विद्यार्थियों के मन में इस बात को लेकर भी कुछ कन्फ्यूजन रहती है कि लोको पायलट कैसे बन सकते हैं, इसके लिए जरूरी योग्यताएं क्या है, इसके लिए आवेदन और सिलेक्शन की प्रक्रिया क्या होती है इत्यादि।

ट्रेन ड्राइवर की सैलरी कितनी होती है?

लोको पायलट की सैलरी के साथ-साथ इससे जुड़ी दूसरी जरूरी बातों को भी अच्छे से जानेंगे।

आज हम जानेंगे

ट्रेन ड्राइवर (loco pilot) की सैलरी कितनी होती है?

बहुत से उम्मीदवार लोको पायलट की तैयारी करते हैं और उसका एक बड़ा कारण इस पद की अच्छी सैलरी भी है।

इस समय देश के सभी रेलवे कर्मचारियों को सातवें वेतन कमीशन के हिसाब से सैलरी दी जाती है। अलग-अलग डिविजंस में रेलवे के लोको पायलट यानी ट्रेन ड्राइवरों को भी अच्छी खासी सैलरी मिलती है।

शुरुआत में एक लोको पायलट की basic salary 13500 प्रति माह से शुरू होती है, और एक्सपीरियंस बढ़ने के साथ यह लगभग 40,000 प्रतिमाह (basic salary) तक पहुंच जाती है।

ये basic salary होती है, यानी कि इसके साथ ट्रेन ड्राइवर को दूसरे कई भत्ते भी दिए जाते हैं।

सब कुछ मिलाकर एक लोको पायलट का औसतन मासिक वेतन लगभग 60,000 तक जाता है, जो इसे देश के बेहतरीन जॉब्स में से एक बनाता है।

रेलवे के drivers को running allowance के तहत प्रति 100 किलोमीटर की दूरी तय करने पर 520/- रूपए देना निर्धारित किया गया है, और इससे इनकी सैलरी में जबरदस्त वृद्धि होती है।

इसका मतलब है कि अगर वो 100 किलोमीटर से ज्यादा ट्रेन चलाते हैं, तो उन्हें ज्यादा सैलरी दी जाती है।

काफी लोगों को यह बात पता नहीं होती है कि रेलवे ड्राइवर ओवरटाइम भी करते है, और इसके लिए उनकी सैलरी और भी ज्यादा, लगभग दुगनी हो जाती है।

साथ में रेलवे बोर्ड loco pilots को रहने के लिए घर(क्वार्टर), नौकर, महगाई भत्ता, हॉस्पिटल इन्शुरन्स आदि जैसी बहुत सी सुविधा भी देते हैं।

भारतीय रेलवे देश का सबसे बड़ा employer है, जिसमें लाखों लोग काम करते हैं और लोको पायलट भी उन्ही में से है।

बेशक लोको पायलट का जॉब एक अच्छी salary और अच्छे सुविधाओं वाला job है, लेकिन दूसरे किसी भी अच्छी नौकरी की तरह इसके लिए भी आपको कड़ी मेहनत तो करनी पड़ती ही है।

रेलवे में लोको पायलट के जॉब के लिए क्या योग्यताएं चाहिए होती है, इसके लिए तैयारी कैसे करनी चाहिए, आदि के बारे में उम्मीदवार को सही जानकारी होना जरूरी है।

ट्रेन ड्राइवर/loco pilot कैसे बन सकते हैं, इसके लिए जरूरी योग्यता

यदि बात करे कि कोई विद्यार्थी एक लोको पायलट कैसे बन सकता है तो दूसरे किसी भी पद की तरह इस नौकरी के लिए भी आपको लोको पायलट की परीक्षा देनी होती है।

एक सरकारी जॉब तो आप परीक्षा पास करके ही ले सकते हैं। लोको पायलट की परीक्षा से संबंधित कई बातें हैं जिनका उम्मीदवार को ध्यान रखना चाहिए यदि वे एक लोको पायलट बनना चाहते हैं तो।

इसकी परीक्षा में बैठने के लिए जरूरी योग्यताओ को लेकर के विद्यार्थियों को कन्फ्यूजन रहता है कि इसके लिए 10वीं पास चाहिए या 12वीं पास।

भारतीय रेलवे के द्वारा लोको पायलट की वैकेंसी निकाली जाती है जिनके लिए eligible अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं।

लोको पायलट की परीक्षा में बैठने के लिए जरूरी योग्यताओं में, पहले तो उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए।

यदि आयु सीमा की बात करें तो यह 18 से लेकर 30 साल तक की है (जिन वर्ग के अभ्यर्थियों को उम्र में छूट मिलनी चाहिए उन्हें नियमानुसार छूट दी जाती है)

न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता में अभ्यार्थी का दसवीं उत्तीर्ण होना और साथ ही साथ आईटीआई की 2 साल की डिप्लोमा डिग्री भी होनी चाहिए, क्योंकि लोको पायलट टेक्निकल काम से जुड़ा है।

इसीलिए इस पद के लिए एक टेक्निकल डिग्री होना जरूरी हो जाता है। बिना टेक्निकल डिग्री के अभ्यर्थियों इसकी परीक्षा में नहीं बैठ सकते हैं।

इन सभी के अलावा उम्मीदवार का शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होना भी जरूरी है, क्योंकि नियुक्ति से पहले मेडिकल और शारीरिक जांच होती है।

इस तरह की सारी जरूरी योग्यताएं होने पर अभ्यार्थी लोको पायलट की परीक्षा में बैठ सकते हैं और उसे पास करके दूसरी जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद एक रेल्वे चालक बन सकते हैं।

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ट्रेन ड्राइवर के लिए परीक्षा कैसी होती है?

परीक्षा में तो, लोको पायलट के लिए अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा देनी होती है, इस एग्जाम में उम्मीदवारों को सामान्य ज्ञान, गणित, तर्क शास्त्र, करंट अफेयर्स, और रेलवे से संबंधित बहुत सारे सवाल पूछे जाते हैं।

अभ्यार्थियों को लोको पायलट के परीक्षा के पैटर्न के हिसाब से ही तैयारी करनी चाहिए ताकि वह इसे आसानी से पास कर सके, इसके लिए वे उपलब्ध प्रेक्टिस सेट्स, या पिछली बार के प्रश्न पत्र इत्यादि देख सकते हैं।

इसके लिए अलग से किताबें भी उपलब्ध होती है, या फिर विद्यार्थी कोचिंग भी ज्वाइन कर सकते हैं।

ऊपर बताए गए विषयों में से आपको कोई 120 क्वेश्चन दिए जाते हैं जिसके लिए 90 मिनट का समय होता है।

गलत आंसर करने पर नेगेटिव मार्किंग भी होती है। यह परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवार को साइको टेस्ट यानी मानसिक टेस्ट भी देना होता है।

रेलवे नियुक्ति के लिए मेडिकल टेस्ट भी लेता है जिसमें शरीर की अच्छे से जांच की जाती है, इसीलिए physical exercises भी करते रहना चाहिए।

मेडिकल के बाद अभ्यर्थी के योग्यता की जांच होती है, इसके लिए रेलवे बोर्ड, एजुकेशन बोर्ड से अपने मार्कशीट को चेक करता है की सब कुछ सही है की नहीं

अगर सब कुछ सही रहा तो आपको अगले प्रोसेस के लिए भेज दिया जाता है, साथ ही आपके प्रमाण पत्रों की भी जांच होती है। सब कुछ सही रहने पर आपको इंगेजमेंट लेटर मिल जाता है।

ट्रेन ड्राइवर को क्या बोलते हैं?

ट्रेन ड्राइवर को सबसे कॉमन, लोको पायलट बोला जाता है। इसके अलावा ट्रेन ऑपरेटर, इंजन ड्राइवर आदि भी एक ट्रेन ड्राइवर के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले शब्द हैं।

ट्रेन चलाने के लिए कितनी पढ़ाई करनी पड़ती है?

लोको पायलट की परीक्षा के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवार के पास दसवीं पास, और उसके बाद 2 वर्ष के आईटीआई कोर्स का सर्टिफिकेट होना चाहिए। आईटीआई पूरी करने के बाद आप लोको पायलट की परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं।

ट्रेन ड्राइवर कौन बन सकता है?

दसवीं के बाद आईटीआई या फिर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा की डिग्री रखने वाला कोई भी उम्मीदवार रेलवे में लोको पायलट बनने के लिए आवेदन कर सकता है। उसकी परीक्षा पास करके और फिर सभी निर्धारित प्रक्रियाओं को पूरा करके उम्मीदवार ट्रेन ड्राइवर बन सकते हैं।

क्या मैं 12वीं के बाद ट्रेन ड्राइवर बन सकता हूं?

लोको पायलट के लिए दसवीं के बाद आईटीआई या फिर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा की डिग्री होना अनिवार्य है। सिर्फ 12वीं पास के आधार पर आप ट्रेन ड्राइवर नहीं बन सकते हैं।

Conclusion

ऊपर दिए गए इस आर्टिकल में हमने ‘ट्रेन ड्राइवर की सैलरी कितनी होती है’ इस विषय पर चर्चा की है। 

एक ट्रेन ड्राइवर की शुरुआती सैलरी 25-35 हजार रुपए प्रति महीने तक होती है। 

और अनुभव बढ़ाने पर यह सैलरी 50-60 हज़ार और फिर 1 लाख रुपए प्रति महीने तक भी चली जाती है। 

उम्मीद करते हैं यह लेख आपके लिए informative रहा होगा।

इससे संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो आप हमें कमेंट सेक्शन में जरूर पूछें।

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