सामाजिक विज्ञान किसे कहते हैं? | Samajik vigyan kise kahte Hain?

इस आर्टिकल में हमारा टॉपिक है ‘सामाजिक विज्ञान किसे कहते हैं?’।

सामाजिक विज्ञान का मतलब क्या है? सामाजिक विज्ञान क्या होता है?‌ 

दोस्तों 10 दसवीं कक्षा की पढ़ाई तक विद्यार्थियों को पांच मुख्य विषय पढ़ने होते हैं, जिनमें से एक विषय सामाजिक विज्ञान यानी social science का होता है। 

यहां हम इसी सामाजिक विज्ञान विषय के बारे में बात करेंगे कि आखिर सामाजिक विज्ञान किसे कहते हैं? 

निचली कक्षाओं में जब शुरुआत में विद्यार्थी सामाजिक विज्ञान का नाम सुनते हैं तो जाहिर है लगभग उन सभी को ही यह पता नहीं होता कि सामाजिक विज्ञान किसे कहते हैं? 

सामाजिक विज्ञान किसे कहते हैं?

या कई बार ऊंचे कक्षा के विद्यार्थियों को भी सामाजिक विज्ञान विषय के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है। 

इस लेख में हम आसान भाषा में इसी सामाजिक विज्ञान के बारे में समझेंगे।  

आज हम जानेंगे

सामाजिक विज्ञान किसे कहते हैं?

सामाजिक विज्ञान, विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अंतर्गत मानव समाज से जुड़े विषय वस्तुओं का अध्य्यन किया जाता है। इसे ही ‘समाजशास्त्र’ और english में social science कहा जाता है। 

इसके नाम से भी इस विषय के बारे में पता चल जाता है। 

सामाजिक विज्ञान यानी वह विज्ञान जिसमें समाज यानी society के बारे में अध्य्यन करना होता है। 

हालांकि समाज के अध्ययन के साथ-साथ इसमें और भी बहुत सारी चीजें आ जाती हैं। 

सामाजिक विज्ञान एक अंग्रेजी शब्द है जिसे हिंदी में ‘सामाजिक विज्ञान’ कहा जाता है। 

यह शब्द दो भागों से मिलकर बना है – ‘सामाजिक’ और ‘विज्ञान’। 

‘सामाजिक’ शब्द का मतलब समाज के संबंधित मामलों, गतिविधियों, अवधारणाओं और संरचनाओं से है। 

और विज्ञान का मतलब हम जानते ही हैं, विज्ञानिक अध्ययन और तकनीक। 

इस प्रकार, सामाजिक विज्ञान समाज के विभिन्न पहलुओं और उनके कारणों का वैज्ञानिक अध्ययन करता है।

सामाजिक विज्ञान के अंदर बहुत सारे विषय आते हैं, इनमें अर्थशास्त्र (economics), भूगोल (geography), पुरातत्व (archaeology), इतिहास (history), कानून (law), भाषा विज्ञान (language Science), राजनीति (politics), लोक प्रशासन (public administration), शिक्षाशास्त्र (Pedagogy) और समाजशास्त्र (Sociology) आदि सभी का अध्ययन किया जाता है। 

सामाजिक विज्ञान में मानव सभ्यता से जुड़े हर तथ्य का अध्य्यन होता है। 

इसे आसान भाषा में समझने का प्रयास करें तो,  हम समाज मे कैसे रह रहे हैं? इसके साथ-साथ, हमारा इतिहास क्या है? यानी कि आज से काफी पहले के समय में मानव सभ्यता कैसी थी? इतिहास की प्रुमख घटनाएं क्या रहीं आदि सभी का अध्ययन सामाजिक विज्ञान में किया जाता है। 

इस समाजिक विज्ञान की मदद से ही हमें  आधुनिक समाज और मनुष्यों यानी हमारे बारे में पता लगाने में आसानी होती है।

सामाजिक विज्ञान में कौन-कौन से विषय आते हैं? 

गणित (Maths) और विज्ञान (Science) को विद्यार्थी अक्सर महत्वपूर्ण विषय मानते हैं, पर समाजिक विज्ञान पढ़ना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। 

अब हम एक-एक करके सामाजिक विज्ञान के अंतर्गत आने वाले सभी विषयों के बारे में संक्षिप्त में जान लेते हैं। 

सामाजिक विज्ञान के अंतर्गत आने वाले विषय निम्नलिखित है – 

  • Anthropology (नृविज्ञान)
  • Economics (अर्थशास्त्र)
  • Education (शिक्षाशास्त्र)
  • Geography (भूगोल)
  • History (इतिहास)
  • Law (विधि)
  • Linguistics (भाषाविज्ञान)
  • Political science (राजनीति विज्ञान)
  • Public administration (लोक प्रशासन)
  • Psychology (मनोविज्ञान)
  • Sociology (समाजशास्त्र)
  • Philosophy (दर्शनशास्त्र)
  • Ethics (नीतिशास्त्र)
  • Logics (तर्कशास्त्र)
  • etc.

Anthropology (नृविज्ञान)

Anthropology में, मानव, उसकी अनुवांशिकी, संस्कृति और समाज का वैज्ञानिक और समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से अध्ययन किया जाता है। 

इसके अंतर्गत मनुष्य के समाज के अतीत और वर्तमान के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया जाता है।

Economics (अर्थशास्त्र)

Economics के अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग के बारे में पढ़ा जाता है। 

किसी देश की अर्थव्यवस्था आदि कैसे काम करती है, यह सब इकोनॉमिक्स में ही पढ़ना होता है। 

Education (शिक्षाशास्त्र)

शिक्षण-कार्य यानी की पढ़ाने के काम की प्रक्रिया का विस्तार से अध्ययन ही शिक्षाशास्त्र या शिक्षणशास्त्र (Pedagogy) कहलाता है। 

शिक्षाशास्त्र में मुख्य रुप से अध्यापन की शैली और नीतियों के बारे में हर जरूरी चीज पढ़ी जाती है। 

Geography (भूगोल)

भुगोल वह विषय है जिसमें हमारे ग्रह पृथ्वी के ऊपरी स्वरूप और उसके प्राकृतिक विभागों के बारे में हर जरूरी चीज पढ़नी होती है। 

भूगोल शब्द दो शब्दों भू यानि पृथ्वी और गोल से मिलकर बना है। 

भूगोल में हम पहाड़, महादेश, देश, नगर, नदी, समुद्र, झील, डमरुमध्य, उपत्यका, अधित्यका, वन आदि सबसे बारे में पढ़ते हैं।

History (इतिहास)

इतिहास में हम मानव सभ्यता के past यानी अतीत के बारे में पढ़ते हैं। 

इतिहास में अब तक घटित घटनाओं या उससे संबंध रखनेवाली घटनाओं का कालक्रमानुसार यानी जिस तरह समय के साथ वे घटी हैं, उनका वर्णन होता है।

Law (विधि)

Law में मूल रूप से हमें कानून के बारे में ही पढ़ना होता है। 

देश में कानून व्यवस्था किस तरह से काम करती है, इसके महत्वपूर्ण अंग क्या हैं, इससे जुड़ी अन्य जरूरी चीजें क्या हैं, आदि समेत कानून से जुड़ी और भी बहुत से जरूरी चीजें law में पढ़नी होती है। 

Linguistics (भाषाविज्ञान)

भाषाविज्ञान, भाषा का वैज्ञानिक अध्ययन है। 

यह भाषा के सभी पहलुओं – संज्ञानात्मक, सामाजिक, पर्यावरण, जैविक और साथ ही संरचनात्मक के व्यापक, व्यवस्थित, उद्देश्यपूर्ण और सटीक विश्लेषण पर जोर देता है। 

Political science (राजनीति विज्ञान)

यह राजनीति का अध्ययन होता है। 

राजनीति विज्ञान (Political science) वह विज्ञान है जो मानव के एक राजनीतिक और सामाजिक प्राणी होने के नाते उससे संबंधित राज्य और सरकार दोनों संस्थाओं के बारे में जानकारी देता है।

Public administration (लोक प्रशासन)

लोक प्रशासन basically government policies के विभिन्न पहलुओं का विकास, उन पर अमल एवं उनका अध्ययन करने को कहते हैं। 

प्रशासन का वह भाग जो आम जनता के लाभ के लिये होता है, उसे ही लोक प्रशासन कह सकते हैं। इसका संबंध सामान्य नीतियों अथवा सार्वजनिक नीतियों से होता है।

Psychology (मनोविज्ञान)

मनोविज्ञान, व्यवहार और मन का अध्ययन है। अलग-अलग प्रकार के मनोविज्ञान हैं, जैसे संज्ञानात्मक, फोरेंसिक, सामाजिक और विकासात्मक मनोविज्ञान। 

एक ऐसी स्थिति वाला व्यक्ति जो उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, एक मनोवैज्ञानिक यानी मनोविज्ञान के जानकार के पास ही जाता है।

Sociology (समाजशास्त्र)

समाजशास्त्र एक सामाजिक विज्ञान है जो समाज, मानव सामाजिक व्यवहार, सामाजिक संबंधों के पैटर्न, सामाजिक संपर्क और रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े संस्कृति के पहलुओं पर के बारे में बताता है। 

आसान शब्दों में समाजशास्त्र समाज का वैज्ञानिक अध्ययन है।

Philosophy (दर्शनशास्त्र)

दर्शनशास्त्र की परिभाषा में, यह  सामान्य और मौलिक प्रश्नों का व्यवस्थित अध्ययन है, जैसे की अस्तित्व, तर्क, ज्ञान, मूल्य, मन और भाषा से संबंधित। 

Philosophy वास्तविकता के मौलिक सत्य को तर्कबद्ध रूप से समझने और व्याख्या करने का प्रयास है।

Ethics (नीतिशास्त्र)

Ethics वह विषय है जो किसी भी मानव समाज के लोक व्यवहार या रीति-रिवाज के बारे में पढ़ाती है। 

समाज के रीति-रिवाज या लोक-व्यवहार प्रायः सामाजिक परंपराओं पर निर्भर होते हैं, इसीलिए हयूमन जैसे दार्शनिक नीतिशास्त्र को सामाजिक परंपराओं के अध्ययन एवं मूल्यांकन के रूप में परिभाषित करते हैं।

Logics (तर्कशास्त्र)

तर्कशास्त्र अनुमान के वैध नियमों का व्यवस्थित अध्ययन है, यानी कि ऐसे संबंध जो अन्य तर्कवाक्यों (परिसर) के एक सेट के आधार पर एक तर्क (निष्कर्ष) की स्वीकृति की ओर ले जाते हैं। 

अधिक मोटे तौर पर,यपक्ति या युक्ति (Arguments) का विश्लेषण और मूल्यांकन ही तर्कशास्त्र है।

तो सामाजिक विज्ञान के अंतर्गत इतने सारे विषय आते हैं, और हर विषय में अलग-अलग चीजें पढ़नी होती है।

सामाजिक विज्ञान की परिभाषा क्या है?

सामाजिक विज्ञान (Social science) मानव समाज का अध्ययन करने वाली शैक्षिक विधा है। इसमें मूल रूप से मानव वर्ष के समाज के बारे में अध्ययन करना होता है।

सामाजिक विज्ञान का जनक कौन है?

अगस्टे कॉम्टे समाजशास्त्र शब्द का इस्तेमाल करने वाले पहले व्यक्ति थे। इन्हें ही समाजशास्त्र या सामाजिक विज्ञान का जनक कहा जाता है।

सामाजिक विज्ञान कितने प्रकार के होते हैं?

सामाजिक विज्ञान के अंतर्गत कई सारे विषय आते हैं, इसमें अर्थशास्त्र, भूगोल, इतिहास, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र और मनोविज्ञान समेत और कई विषय शामिल हैं।

Conclusion

ऊपर दिए गए इस आर्टिकल में हमने सामाजिक विज्ञान के बारे में बात की है कि, सामाजिक विज्ञान किसे कहते हैं। 

सामाजिक विज्ञान की विस्तार से परिभाषा के साथ-साथ हमने इसके अंतर्गत आने वाले अलग-अलग विषयों के बारे में भी आपको संक्षिप्त में जानकारी देने का प्रयास किया है। 

उम्मीद करते हैं यह आर्टिकल आपके लिए informative रहा होगा, इससे संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो आप हमें कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *