प्रोफेसर की सैलरी कितनी होती है? | Professor ki salary kitni hoti hai

दोस्तों वर्तमान में टीचिंग लाइन भी बहुत से विद्यार्थियों के लिए करियर की पहली पसंद होती है। बहुत से विद्यार्थी एक टीचर के रूप में अपना करियर बनाना चाहते हैं। 

स्कूल में teachers पढ़ाते हैं, और कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले टीचर्स को प्रोफेसर कहते हैं।

पढ़ाने में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों के लिए किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बन जाना बहुत ही अच्छा होता है, क्योंकि एक शिक्षक के सम्मान के साथ-साथ salary wise भी कॉलेज के professors बेहतरीन रकम कमाते हैं। 

हालांकि प्रोफेसर बनना स्कूल की टीचर बनने की तुलना में मुश्किल है, लेकिन teaching profession में professor सबसे अच्छे posts में है। 

अब बहुत से विद्यार्थियों के मन में यह सवाल रहता है कि एक प्रोफेसर की सैलरी कितनी होती है? या कॉलेज के प्रोफेसर महीने का कितना कमाते हैं? 

प्रोफेसर की सैलरी कितनी होती है?

आज यहां इस आर्टिकल में हम मुख्य तौर पर इसी के बारे में बात करेंगे, जानेंगे कि एक प्रोफेसर की सैलरी कितनी होती है?

College में पढ़ाने वाले प्रोफेसर की मासिक सैलरी कितनी होती है? एक प्रोफेसर की सैलरी के साथ-साथ इससे संबंधित दूसरी कुछ जरूरी बातों को भी जानेंगे।

आज हम जानेंगे

Professor की सैलरी कितनी होती है?

सीधा यदि एक प्रोफ़ेसर को मिलने वाली सैलरी की बात करें तो यह रकम 55-57 हजार से लेकर 1 लाख 80-90 हजार तक भी जाती है।

असल में जब हम एक प्रोसेसर की सैलरी की बात करते हैं तो प्रोफ़ेसर में assistant professor, associate professor और फिर professor का post आता है।

और इन तीनों ही posts की सैलरी अलग-अलग होती है। और एक प्रोफेसर को मिलने वाली सैलरी उनकी ग्रेड के हिसाब से निर्धारित होती है। 

वर्तमान में professors को दी जाने वाली सैलरी का निर्धारण सेवंथ पे कमिशन (7th pay commission) के आधार पर किया गया है।

सातवें वेतनमान के लागू होने के बाद से professors की सैलरी में वृद्धि हुई है। 

तो जैसा कि हमने कहा कि प्रोफसर तीन प्रकार के होते हैं। assistant professor, एसोसिएट प्रोफसर और प्रोफेसर, और इसी के आधार पर उनका pay level होता है। ये लेवल 10 से लेकर 15 A तक होते हैं। 

Professors के योग्यता और अनुभव के आधार पर उन्हें सैलरी दी जाती है।

एक-एक करके इनकी सैलरी की बात करें तो assistant professors को entry level पर 57,000 से 67,000 रुपये तक की सैलरी मिलती है।

वहीं professors level की entry पर सैलरी एक लाख रुपये प्रति महीने से अधिक की होती है।

सबसे उच्च यानी level 15 के साथ rationalized entry पर शुरुआती सैलरी 1,82,200 रुपए तक भी रहती है।

तीनों ही लेवल के professors की कुल salary की बात करें तो नए वेतनमान के लागू होने के बाद से उनकी सैलरी कुछ इस प्रकार से है –

  • assistant professor की सैलरी – एकेडमिक लेवल 10 के साथ rationalized entry pay 57700 रुपए है।
  • assistant professor की सैलरी – एकेडमिक लेवल 11 के साथ rationalized entry pay 68900 रुपए है।
  • assistant professor की सैलरी – एकेडमिक लेवल 12 के साथ rationalized entry pay 79800 रुपए है 
  • Associate professor की सैलरी – एकेडमिक लेवल 13A के साथ rationalized entry pay 131400 रुपए है।
  • Professor की सैलरी – एकेडमिक लेवल 14 के साथ rationalized entry pay 144000 रुपए है।
  • Professor की सैलरी – एकेडमिक लेवल 15 के साथ rationalized entry pay 182200 रुपए है।

Salary के साथ मिलने वाली अन्य सुविधाएं

इसके अलावा प्रोफ़ेसर को मिलने वाली सैलरी में incentive, increment, अन्य allowances और फिर promotion भी आती है।

Incentive structure  pay-structure में ही शामिल रहता है, जिसके अनुसार M.Phil या PhD degree वालों CAS के तहत जल्दी प्रोत्साहित किया जाता है। 

Increment की बात करें तो किसी भी लेवल पर हर शेल में पिछले शेल तुलना में समान pay-matrix पर 3% का सालाना इंक्रीमेंट दिया जाता है।

Professors के promotion में, उच्चतर पदों के लिए जरुरी qualifications रखने वालों को उस पद के अनुसार प्रमोशन एवं pay-structure दिया जाता है।

यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में teachers/professors एवं दुसरे academic staff के लिए भी allowances को केंद्रीय वित्त मंत्रालय के परामर्श के हिसाब से किया जाता है जो कि Central Government employees के अनुसार होता है। 

अच्छी salary के लिए professor कैसे बन सकते हैं?

तो एक professor की सैलेरी अच्छी खासी होती है। अब जाहिर है बहुत से विद्यार्थियों के मन में यह बात भी आती होगी कि professor कैसे बन सकते हैं?

तो, पहली बात तो यह कि आप अपने पसंद के किसी भी विषय में professor  बन सकते हैं, यानी प्रोफेसर बनने के लिए विषय ज्यादा जरूरी नहीं है, बल्कि higher education यानी कि पढाई जरुरी है। 

Professor college में किसी एक विषय के स्पेशलिस्ट होते हैं, professors का काम विद्यार्थियों को पढ़ाने के साथ-साथ लेक्चर और notes आदि तैयार करने का भी होता है।

इसके अलावा उन्हें कुछ प्रशासनिक कार्य भी करने होते हैं। एक प्रोफेसर की पोस्ट काफी जिम्मेदारी भरी पोस्ट होती है।

Professor बनने की प्रक्रिया में आप 12वीं के बाद पहले अपने मनपसंद विषय से ग्रेजुएशन करेंगे, इसके बाद आप उसी विषय में post graduation करेंगे।

Professor बनने के लिए सबसे जरूरी हो जाता है, UGC NET की परीक्षा पास करना।

विद्यार्थी पोस्ट ग्रेजुएशन के final year में भी यह परीक्षा दे सकते हैं। हर साल दो बार इस UGC NET परीक्षा का आयोजन किया जाता है।

देश में colleges और universities में प्रोफेसर की भर्ती होती, लगभग सभी vacancies के लिए ही NET की योग्यता मांगी जाती है।

हालांकि इसके अलावा आप एमफिल और पीएचडी करके भी सीधा प्रोफेसर बन सकते हैं। यदि आप UGC NET की परीक्षा पास नहीं हैं और MPhil के साथ PhD हैं, तो आप प्रोफेसर बनने के योग्य होते हैं।

समय-समय पर अलग अलग विश्वविद्यालयों (universities) में professors के पदों के लिए आवेदन निकालते हैं, इच्छुक और योग्य उम्मीदवार निर्धारित जरूरी प्रक्रियाओं से गुजर के, इंटरव्यू आदि पास करके प्रोफेसर बन सकते हैं।

Conclusion

ऊपर दिए गए इस आर्टिकल में हमने प्रोफेसर की सैलरी कितनी होती है, इस बारे में चर्चा की है।

टीचिंग लाइन वर्तमान में एक अच्छा करियर बनाने का बेहतरीन ऑप्शन है, और इसमें प्रोफेसर जैसा पोस्ट सबसे अच्छे पोस्ट में आता है।

बहुत विद्यार्थी प्रोफ़ेसर बनना चाहते हैं, इससे संबंधित कई सवाल उनके मन में रहते हैं, और यहां हमने उन्हीं में से एक सवाल, उनकी salary के बारे में चर्चा की है।

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