इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि डॉक्टर बनने के लिए क्या करना पड़ता है?
जब भी विद्यार्थियों के लिए करियर की बात होती है, तो उसमे इंजीनियर और डॉक्टर ही सबसे मुख्य विकल्प होते हैं।
बहुत से विद्यार्थियों का बचपन से सपना एक डॉक्टर बनने का होता है, ताकि वे लोगों का इलाज करके उनकी सेवा कर सके।
एक डॉक्टर समाज के सबसे प्रतिष्ठित और सम्माननीय job profiles में से एक है, इसके अलावा कमाई के दृष्टिकोण से भी डॉक्टर बन जाना बहुत ही फायदेमंद है।
जिन विद्यार्थियों का सपना डॉक्टर बनने का होता है उनके मन में शुरुआत में एक सवाल निश्चय ही आता होगा कि आखिर Doctor बनने के लिए क्या करना पड़ता है? या डॉक्टर बनने की प्रक्रिया क्या है?
इस आर्टिकल में हम मुख्य तौर पर इसी के बारे में विस्तार से जानेंगे कि आखिर एक Doctor बनने के लिए क्या करना पड़ता है?
डॉक्टर बनने के लिए विद्यार्थियों को दसवीं के बाद, फिर 12वीं के बाद और फिर उसके आगे भी, क्या करना पड़ता है?
आज हम जानेंगे
Doctor बनने के लिए क्या करना पड़ता है?
आसानी से समझने का प्रयास करें तो एक डॉक्टर बनने के लिए विद्यार्थी को सबसे पहले तो 10वीं, फिर 12वीं और उसके बाद MBBS का कोर्स करना पड़ता है।
भारत में MBBS कर लेने के बाद आप एक डॉक्टर बन जाते हैं। और एमबीबीएस के कोर्स में दाखिला आप 12वीं के बाद ही ले सकते हैं।
एक बार आपने एमबीबीएस की पढ़ाई और फिर इसकी इंटर्नशिप पूरी कर ली, तो फिर आप अपने नाम के आगे डॉक्टर लगा सकते हैं, और एक डॉक्टर के तौर पर अस्पतालों और मेडिकल संस्थानों में काम शुरू कर सकते हैं।
एमबीबीएस ग्रेजुएशन लेवल का कोर्स होता है, एमबीबीएस के बाद भी उम्मीदवार आगे पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर का मेडिकल कोर्स जैसे MD या MS आदि कर सकते हैं।
इसमें आप सामान्यतः मेडिकल के किसी एक क्षेत्र में specialisation कर सकते हैं, और किन्ही 1 प्रकार के रोगों के विशेषज्ञ बन सकते हैं।
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अब विस्तार से बात करते हैं कि डॉक्टर बनने के लिए दसवीं के बाद क्या करना पड़ता है?
फिर बारहवीं के बाद क्या करना पड़ता है? और उसके आगे भी क्या करना पड़ता है?
Doctor बनने के लिए 10वीं के बाद क्या करना पड़ता है?
यदि आप एक डॉक्टर बनना चाहते हैं, तो डॉक्टरी के क्षेत्र में जाने के लिए जो ऐसे जरूरी होते हैं उन्हें चुनने का विकल्प आपको दसवीं पास करने के बाद ही मिलता है।
दसवीं तक सभी विद्यार्थियों को सारे विषयों की पढ़ाई एक साथ करनी होती है।
और जब वे दसवीं उत्तीर्ण हो जाते हैं, तो कक्षा 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के लिए उन्हें Science, commerce या Arts stream में से किसी एक का चुनाव करना होता है, और यह चुनाव वे आगे जिस प्रोफेशन में जाना चाहते हैं उसे ध्यान में रखकर करते हैं।
डॉक्टर बनने के लिए किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से दसवीं पास करने के बाद जरूरी है कि विद्यार्थी science stream का चुनाव करे।
और science stream में भी विद्यार्थियों को PCB यानी physics, chemistry और biology चुनना जरूरी होता है।
अब science चुनने के लिए जरूरी है कि विद्यार्थी ने दसवीं की परीक्षा थोड़े अच्छे अंको से उत्तीर्ण की हो।
कम अंक लाने वालो को साइंस नहीं मिल सकता है। डॉक्टर बनने के लिए PCB में से biology सबसे जरूरी विषय होता है।
एक डॉक्टर बनने के लिए कक्षा 11वीं और 12वीं में विद्यार्थी इन्हीं विषयों की पढ़ाई करते हैं, और फिर इन्हीं विषयों के साथ 12वीं की परीक्षा अच्छे अंको से उत्तीर्ण करते हैं।
Doctor बनने के लिए 12वीं के बाद क्या करना पड़ता है?
एक डॉक्टर बनने के लिए 12वीं के बाद विद्यार्थी को एमबीबीएस में दाखिला लेना होता है।
भारत में यदि आप डॉक्टर बनना चाहते हैं तो आप mbbs की तरफ ही जाते हैं।
हालांकि एमबीबीएस के अलावा भी 12वीं के बाद अंडर ग्रेजुएशन स्तर पर BAMS, BUMS, BDS, BHMS आदि जैसे कोर्स उपलब्ध है, विद्यार्थी इनका चुनाव भी कर सकते हैं।
इनमें खासतौर पर मेडिकल के किसी एक विषय के बारे में ही पढ़ाया जाता है।
पर MBBS इनमें सबसे मुख्य है। तो 12वीं के बाद आपको एमबीबीएस (या फिर इन courses) में एडमिशन लेना पड़ता है और उसके लिए जरुरी है, NEET की परीक्षा पास करना।
Doctor बनने के लिए NEET पास करना जरूरी है
आज के समय में मेडिकल के जितने भी अंडर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर उपलब्ध मुख्य medical courses हैं, उनमें एडमिशन लेने के लिए आपको NEET की परीक्षा पास करनी होगी।
NEET का पुरा नाम National eligibility cum entrance test है, जो कि NTA यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाने वाली एक मेडिकल प्रवेश परीक्षा है, जिसके माध्यम से देश भर के मेडिकल colleges में MBBS और इस जैसे दूसरे courses में दाखिला मिलता है।
NEET में प्राप्त अंकों के हिसाब से विद्यार्थियों को मेडिकल कॉलेज allot होता है, जहां से वे अपना मेडिकल कोर्स करते हैं।
NEET हर साल यूजी और पीजी दोनों स्तर पर आयोजित होती है।
यह भी देश की सबसे कठिन परीक्षा में से एक होती है, और medical Colleges में limited seats होने के कारण इसमें प्रतिस्पर्धा भी बहुत होती है।
इसीलिए डॉक्टर बनने की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों को हो सके तो दसवीं के बाद से ही इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
MBBS करके आप doctor बन सकते हैं
NEET की परीक्षा अच्छे अंको से पास करने के बाद आपका एमबीबीएस में दाखिला हो जाता है।
MBBS की बात करें तो इसका पूरा नाम bachelor of medicine and bachelor of surgery होता है।
यह सामान्यतः 5.5 वर्ष की अवधि का मेडिकल कोर्स है, जिसमें 4.5 साल की पढ़ाई और 1 साल की इंटर्नशिप शामिल होती है।
जिसमें एमबीबीएस के विद्यार्थियों को अनुभवी डॉक्टरों के साथ अस्पतालो आदी में डॉक्टर का काम देखना और सीखना होता है।
MBBS की पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद वे एक doctor के तौर पर practice शुरू कर सकते हैं।
MBBS के बाद भी आगे course कर सकते हैं
Mbbs पूरा कर लेने के बाद भी यदि विद्यार्थी आगे पढ़ना चाहते हैं, तो फिर वे अपने काम के साथ-साथ postgraduate medical course कर सकते हैं।
वे MS, MD या पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल के दूसरे डिग्री या डिप्लोमा कोर्सेज में से कोई कोर्स कर सकते हैं और एक specialist बन सकते हैं।
Conclusion
ऊपर दिए गए इस आर्टिकल में हमने बात की है कि एक डॉक्टर बनने के लिए क्या करना पड़ता है?
आज के समय में डॉक्टर बनना लाखों विद्यार्थियों का सपना होता है, और इसके लिए यह जरूरी है कि उन्हें डॉक्टर बनने से संबंधित पूरी प्रक्रिया की अच्छे से सही जानकारी हो।
यहां हमने विस्तार से बताने का प्रयास किया है कि डॉक्टर बनने के लिए क्या करना पड़ता है।
विद्यार्थी दसवीं के बाद, फिर 12वीं के बाद और उसके आगे डॉक्टर बनने के लिए क्या करते हैं।
Akash, Padhaipur के Writter है। इन्होंने 2020 में अपनी M.A (हिंदी) की पढ़ाई पूरी की।इनको किताबें पढ़ने का बहुत शौक़ है, इसके अलावा इन्हें लिखना भी बहुत पसंद है।