जज बनने के लिए कौन सा कोर्स करना पड़ता है? | Which course is required to become a judge?

इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि जज बनने के लिए कौन सा कोर्स करना पड़ता है? 

भारत में एक जज बनने के लिए आपको कौन-सा कोर्स करना होगा? 

दोस्तों आज के समय में law field विद्यार्थियों के लिए करियर का एक मुख्य और अच्छा option है। 

12वीं पूरी करने के बाद बहुत से विद्यार्थी law क्षेत्र में करियर बनाने के लिए जाते हैं। 

बात करें Law field के सबसे ऊंचे और प्रतिष्ठित पोस्ट की तो इसमें जज का नाम आता है। 

बहुत से विद्यार्थियों का सपना लॉ की पढ़ाई करके एक जज बनने का होता है। 

लेकिन शुरुआत में उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती कि जज बनने के लिए कौन सा कोर्स करना पड़ता है? या कहें कि एक जज कैसे बन सकते हैं? 

जज बनने के लिए कौन सा कोर्स करना पड़ता है?

इस लेख में हम इसी के बारे में विस्तार से बात करेंगे कि आपको एक जज बनने के लिए कौन सा कोर्स करना होगा। 

यहां हम भारत में जज बनने की पुरी प्रक्रिया से संबंधित सभी जरूरी बातों को जानेंगे। 

आज हम जानेंगे

जज बनने के लिए कौन सा कोर्स करना पड़ता है?

एक magistrate या civil judge बनने के लिए सबसे पहले LLB या BA.LLB करना होगा। इसके बाद आप अपने राज्य के राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित Judicial Service Examination की परीक्षा पास करके सिविल जज बन सकते हैं।

इसके अलावा यदि आप एक district judge, हाई कोर्ट जज या सुप्रीम कोर्ट जज बनना चाहते हैं तो उसके लिए अलग-अलग योग्यताएं मांगी जाती है। 

हां, एक बात है कि 12वीं के बाद ba.llb या ग्रेजुएशन के बाद llb आपको अनिवार्य रूप से करनी होगी। 

इसके बाद जैसे-जैसे जज का स्तर बढ़ता है, llb की degree के साथ आपसे और भी कई योग्यताएं मांगी जाती हैं जिनके बारे में हम आगे विस्तार से बात करेंगे। 

जज बनने के लिए आयोजित परीक्षाओं की बात करें तो हर राज्य इसके लिए अलग-अलग परीक्षाएं लेता है। 

हर राज्य का का पब्लिक सर्विस कमिशन जुडिशल सर्विस एग्जामिनेशन लेता है, इसके अलावा जिला या subordinate Court examination भी ली जाती है, हाई कोर्ट द्वारा भी जज के लिए परीक्षाएं आयोजित होती है। 

तो आप जिस भी राज्य के उम्मीदवार हों, वहां जज की भर्ती के लिए ली जाने वाली अलग-अलग परीक्षाओं के बारे में पता करें और उनकी तैयारी करें।

असल में जब हम एक जज बनने की बात करते हैं तो इसमें अलग-अलग स्तर के जज होते हैं। 

अगर आपको इसकी जानकारी है तो आपने district जज, हाई कोर्ट जज और फिर सुप्रीम कोर्ट जज के बारे में शायद सुना हो। 

इसीलिए जब हम पूछते हैं कि जज बनने के लिए कौन सा कोर्स चाहिए, तो उसमें स्पष्ट नहीं होता है कि कौन सा जज। 

क्योंकि अलग-अलग स्तर पर जज बनने के लिए योग्यताएं अलग-अलग चाहिए होती है। 

इसीलिए सबसे अच्छा रहेगा कि हम एक-एक करके सभी judges के बारे में जानें और फिर उनके लिए यानी अलग-अलग स्तर के जज बनने के लिए जरूरी योग्यताओं के बारे में। 

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कितने स्तर के judge होते हैं?

भारत में चार स्तर के या कहें 4 प्रकार के जज होते हैं। इनमें निचले स्तर से शुरू करें तो –

  • Magistrate / Civil judge
  • For Session / District judge
  • High Court Judge
  • Supreme Court Judge

आते हैं। अब ये सारे जज अलग-अलग स्तर के हैं। 

सबसे पहले मजिस्ट्रेट या civil judge आते हैं जो कि सबसे निचले स्तर के होते हैं, यह छोटे civil संबंधी मामलों पर न्याय देते हैं। 

इसके बाद For Session / District judge आते हैं, जो कि जिला न्यायालय में बैठते हैं और वहां पेश किए गए मामलों में सुनवाई करते हैं। 

इसके बाद High Court Judge आते हैं, जोकि हर राज्य के उच्च न्यायालय के जज होते हैं और वहां आने वाले cases में फ़ैसला सुनाते हैं। 

और सबसे अंत में Supreme Court Judge यानी सर्वोच्च न्यायालय के जज आते हैं, जो कि सर्वोच्च न्यायालय में जाने वाले मामलों पर सुनवाई करते हैं। 

Magistrate / Civil judge के लिए जरुरी योग्यता

इसके बारे में हम ऊपर बात कर चुके हैं। 

यह सबसे निचले स्तर के जज होते हैं, जो छोटे-मोटे सामान्य civil मामलों में सुनवाई देते हैं। 

इसके लिए आपके पास LLB/BA LLB की डिग्री होनी चाहिए। 

इसके लिए निर्धारित आयु सीमा 21 से लेकर 35 वर्ष तक की है। 

इसके बाद आपको जज बनने के लिए आयोजित परीक्षा पास करनी होगी। और उसके बाद निर्धारित प्रक्रिया पूरी करके आप एक सिविल जज बन जाएंगे।

Session / District judge के लिए जरूरी योग्यता

इन्हें जिला न्यायाधीश भी कहा जाता है, जो जिला न्यायालय में जिले के cases देखते हैं। District judge के लिए आपके पास LLB/BA LLB की डिग्री होनी चाहिए। 

इसके साथ-साथ आपको कम से कम 7 साल के वकालत का अनुभव होना चाहिए। 

यानी एलएलबी पूरी होने के बाद आप खुद को बार काउंसिल ऑफ इंडिया में एडवोकेट के तौर पर रजिस्टर्ड करेंगे और फिर 7 साल काम करेंगे। 

7 साल के अनुभव के बाद आप एक जिला न्यायाधीश बन सकते हैं। अगर आप एक सिविल जज है तो प्रमोशन से भी डिस्ट्रिक्ट जज बन सकते हैं। 

जिला न्यायाधीश के लिए निर्धारित उम्र सीमा 35 से लेकर 45 वर्ष तक की है।

High Court Judge के लिए जरूरी योग्यता

एक हाई कोर्ट का जज बनने के लिए जरूरी योग्यताओं की बात करें तो सबसे पहले तो वही कि आपके पास LLB/BA LLB की डिग्री होनी चाहिए। 

आपका भारत का नागरिक होना जरूरी है। 

इसके बाद आपको कम से कम 10 साल का judicial office का अनुभव होना चाहिए या फिर कम से कम 10 साल हाईकोर्ट में एडवोकेट का अनुभव होना चाहिए। 

हाई कोर्ट का जज बनने के लिए कोई निर्धारित न्यूनतम आयु सीमा नहीं है, हां निर्धारित आयु के बाद आप रिटायर जरूर हो जाते हैं। 

यदि आप डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज हैं तो एक निर्धारित समय के बाद आपका प्रमोशन होकर आप एक हाई कोर्ट जज बन सकते हैं। 

Supreme Court Judge के लिए जरूरी योग्यता

सबसे अंत में आते हैं सुप्रीम कोर्ट यानी सर्वोच्च न्यायालय के जज। 

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने के लिए जरूरी योग्यताओं में सामान्य जज के लिए जरूरी योग्यताओं के साथ-साथ कम से कम 10 साल का हाईकोर्ट में एडवोकेट का अनुभव, या फिर 5 साल का हाई कोर्ट जज के रूप में अनुभव होना चाहिए। 

इसके अलावा Distinguished Jurist यानी कोई ऐसा व्यक्ति जिसे वकालत या कानून के क्षेत्र का बहुत ज्यादा अनुभव और knowledge हो, भी सुप्रीम कोर्ट का जज बन सकता है। 

इसके लिए अभी कोई न्यूनतम आयु सीमा नहीं है बस अधिकतम आयु सीमा के बाद आप रिटायर हो जाते हैं।

Conclusion

इस आर्टिकल में हमने बात की है कि जज बनने के लिए कौन सा कोर्स करना पड़ता है? 

यहां हमने अलग-अलग स्तर के जज बनने के लिए जरूरी सभी योग्यताओं के बारे में अच्छे से बात की है। 

उम्मीद करते हैं कि हमारा यह लेख आपके लिए informative रहा होगा, इससे संबंधित कोई प्रश्न आदि हो तो आप हमें नीचे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।

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