एलएलबी में कितने सब्जेक्ट होते हैं? | LLB subject list in hindi

यहां इस लेख में हम एलएलबी के subjects की बात करेंगे। एलएलबी में कौन-कौन से और कितने सब्जेक्ट होते हैं? LLB के course में कितने विषयों को पढ़ाया जाता है? (LLB me kitne subject hote hain)

दोस्तों हर किसी को कैरियर में एक प्रोफेशन तो चुनना होता ही है, मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों के अलावा भी बहुत से कार्य क्षेत्र होते हैं, और law की पढ़ाई या आसान शब्दों में वकील, भी  उन्हीं में से एक अच्छा करियर विकल्प है।

यदि आपने अपने बारे में तक की पढ़ाई पूरी कर ली है और उसके बाद आप law field में carrier बनाना चाहते हैं तो आप LLB की पढ़ाई कर सकते हैं, और आगे वकील बन सकते हैं।

बहुत सारे छात्र आज के समय में law की पढ़ाई करते हैं, एक अच्छा वकील समाज में प्रतिष्ठित जॉब भी है।

llb subjects

यहां हम एलएलबी के सब्जेक्ट्स के साथ-साथ यह भी जानेंगे कि एलएलबी क्या है और कितने साल का होता है? उसमे कितने सेमेस्टर होते हैं? और हर सेमेस्टर में कौन-कौन से सब्जेक्ट और टॉपिक पढ़ने होते हैं?

आज हम जानेंगे

LLB में कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं?

LLB course के दौरान आपको इसमें Law and Order, Economics, Political Science, History, Human rights आदि जैसे subjects पढ़ाए जाते हैं। 

आप 3 साल की एलएलबी या 5 साल की इंटीग्रेटेड एलएलबी (b.a. एलएलबी या बीकॉम एलएलबी) भी कर सकते हैं। अपने एलएलबी के कोर्स में आप ऊपर बताए गए विषयों को ही पढ़ते हैं। 

एलएलबी करने के बाद आप किसी एक law field या एक law subject जैसे क्रिमिनल लॉ या बैंकिंग लॉ आदि में associate से लेकर senior advocate जैसी अच्छी job प्राप्त कर सकते हैं। 

एल एल बी का पूरा नाम बैचलर ऑफ लॉस ( bachelor of laws) होता है। एलएलबी law field में एक अंडर ग्रेजुएट की डिग्री है, जिसके अंतर्गत कानून के नियम और विनियम यानी कि रूस और रेगुलेशंस के बारे में पढ़ा जाता है।

किस तरह से कानूनी रूल्स और रेगुलेशंस से ही समाज और देश संचालित होता है।

एलएलबी कानून की एक डिग्री है जो किसी छात्र को वकील बनने या फिर दूसरे किसी कानूनी विभाग में काम करने के योग्य बनाती है, आसान भाषा में इसका मतलब है कि यदि आप वकील बनना चाहते हैं, या कोर्ट कचहरी से संबंधित दूसरे किसी पद पर जाना चाहते हैं तो उसके लिए आप एलएलबी का कोर्स करते हैं। 

Bachelor of laws एक 3 साल का कोर्स है जिसमें 6 पद शामिल हैं। LLB कोर्स को 6 सेमेस्टर में बांटा गया है । LLB डिग्री को 3 साल यानी 6 सेमेस्टर के पूरा होने के बाद ही प्रदान किया जाता है।

भारत में कई लॉ कॉलेज हैं जो उन छात्रों को LLB कोर्स करने के लिए देती जिसे अपना करियर वकालत में बनाना हो।

एलएलबी कोर्स एक 5 पांच साल का भी होता है, अगर आप 12th पास होने के बाद सीधा लॉ की पढाई करना चाहते हो तो इसके लिए आपको 5 पांच साल law college में पढ़ना होगा, और अगर आपको 3 तीन साल वाला कोर्स करना है, तो आपको ग्रेजुएशन करना होगा तभी आप 3 साल वाला एलएलबी कोर्स को चुन सकते हैं।

बैचलर ऑफ लॉ डिग्री इंस्ट्रक्शन सामग्री में सेमिनार, ट्यूटोरियल वर्क, मूट कोर्ट और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग प्रोग्राम भी शामिल रहते हैं। भारत में कई संस्थानों द्वारा बैचलर ऑफ लॉ डिस्टेंस एजुकेशन कोर्सेस भी प्रदान किए जाते हैं।

देश में कानूनी शिक्षा सर्वोच्च निकाय ‘बार काउंसिल ऑफ इंडिया’ है। यह बार काउंसिल ही भारत में कानूनी शिक्षा की प्रणाली की निगरानी और नियमन करता है। अब विस्तार से एलएलबी के subjects के बारे में जानते हैं –

एलएलबी में कितने सब्जेक्ट होते हैं?

एलएलबी कोर्स के मुख्य सबजेक्ट्स हैं –

  • क्रिमिनल लॉ (Criminal Law)
  • साइबर लॉ (Cyber Law)
  • बैंकिंग लॉ (Banking Law)
  • टेक्स लॉ (Tax Law)
  • कॉरपोरेट लॉ (Corporate Law)
  • फैमिली लॉ (Family Law)
  • पेटेंट अटॉर्नी (Patent Attorney)
  • आदि

दोस्तों LLB में कितने विषय हैं, इसका एक मतलब यह भी है कि एलएलबी कोर्स में कौन-कौन से law विषय यानी law field होते हैं, जिनमें से आप चुनाव कर सकते हैं। 

उदाहरण के लिए आपने एलएलबी में क्रिमिनल लॉ, साइबर लॉ, कॉरपोरेट लॉ या टैक्स लॉ आदि की पढ़ाई के बारे में सुना होगा। 

तो यहां हम एलएलबी के इन subjects के बारे में भी जानेंगे।

हमने ऊपर एलएलबी कोर्स के बारे में जाना कि यह कानूनी शिक्षा और इसके विभिन्न नियमों का कोर्स होता है जिसे पूरा करने पर आप एडवोकेट या वकील बन सकते हैं।

न्यायालयों के judge भी law की पढ़ाई करते हैं। आप पहले वकील, फिर सीनियर वकील और इस तरह से आगे बढ़ते हुए कोर्ट के जज भी बन सकते हैं।

एलएलबी में 3 वर्ष की अवधि के दौरान विद्यार्थी को कानूनी law से संबंधित कई सारे विषय पढ़ने होते हैं।

एलएलबी कोर्स में आपको अलग-अलग laws से संबंधित चीजें पढ़ाई जाती है।

ऊपर दिए गए विषयों के अंतर्गत आपको इन अलग-अलग क्षेत्रों से संबंधित इनके लिए laws यानी नियम और कानून की पढ़ाई करनी होती है, अब इन विषयों के बारे में एक-एक करके जानने का प्रयास करते हैं।

इन विषयों को एलएलबी के अंतर्गत आने वाले कोर्स भी कहते है, मतलब यह है कि यह सारे विषय एलएलबी के कोर्स भी कहलाते हैं।

इन्हें भी पढ़ें

LLB me kitne subject hote hai

अब हम एक-एक करके एलएलबी के सभी मुख्य विषयों से बारे में थोड़ा विस्तार से जान लेते हैं –

1. Criminal law ( क्रिमिनल लॉ )

नाम से समझ में आ ही रहा है कि इसके अंतर्गत अपराधिक गतिविधियों और उससे संबंधित नियम और कानून की पढ़ाई करनी होती है।

Criminal law एलएलबी के सबसे महत्वपूर्ण कोर्सस में से आता है। इसका मतलब यह है कि क्रिमिनल लॉ ही llb में सबसे ज्यादा प्रचलित कोर्स है, एलएलबी कोर्स के दौरान इस विषय पर ही अधिक ध्यान दिया जाता है।

चुकीं यह सबसे महत्वपूर्ण और प्रचलित कोर्स है इसीलिए यह बाकी अन्य कोर्सस से थोड़ा मुश्किल भी होता है, लेकिन इसकी अच्छी से पढ़ाई करने पर, वकील बन जाने के बाद सबसे ज्यादा cases इसी विषय पर आते हैं।

आप किस प्रकार क्रिमिनल लॉ के अंदर आने वाले क्राइम्स को रोक सकते है, इस क्राइम को रोकने के लिए कौन कौन से कानून के नियमों का प्रयोग होता है, crime को कैसे रोक सकते है, इत्यादि जैसी बातों का अध्ययन आप इसी विषय में करते हैं।

आपको यह भी बताया जाता है की आप कौन से क्राइम को क्रिमिनल लॉ के अंदर रखेंगे।

2. Banking law (बैंकिंग लॉ)

कोर्स के नाम से ही पता चल रहा है कि इस विषय के अंतर्गत आपको बैंक से संबंधित नियमों और कानूनों के बारे में बताया जाता है।

इस विषय के अंतर्गत आप कई तरह की चीजें पढ़ते हैं, जैसे बैंकों और इन जैसे दूसरे संस्थानों के लिए कौन से कानून निर्धारित होते हैं, बैंकिंग के जितने भी क्राइम या अपराध होते हैं उनके सभी मसलों को कैसे हल करना है, बैंकिंग फ्रॉड जैसी चीजें किस कानून के अंतर्गत आती है इत्यादि।

Bank से loan लेकर loan न चुकाना या लोन चुकाने से इंकार कर देना आदि के लिए law के अनुसार कैसे proceed किया जाना चाहिए।

जबरदस्ती किसी पर लोन का आरोप लगाना, बैंक से फ्रॉड करना आदि जेसे सारे काम अपराध की श्रेणी में आते है और इस तरह का केस आने पर आपको उसे किस तरह से हैंडल करना है।

आपको बैंकिंग लॉ के कौन कौन से नियम और कानून के मदद लेना है, आदि जैसी कई चीजें इस कोर्स में सिखाये जाते है।

3. Patent Attorney (पेटेंट अटॉर्नी)

Attorney का मतलब एक तरह से अधिपत्य या अधिकार की तरह समझा जा सकता है।

Patent attorney के अंतर्गत ऐसे विषय आते हैं जिसमें कोई भी व्यक्ति अपने किसी चीज या वस्तु पर अपना पूर्ण अधिपत्य मतलब की अधिकार रखता है और ऐसे में अगर दूसरा कोई व्यक्ति उस पहले व्यक्ति के सहमति के बिना उसपर अधिकार का उपयोग करता है, तो उसके लिए जिन कानूनी नियमों का निर्धारण किया गया है उसका अध्ययन ही पेटेंट एटर्नी के अंतर्गत किया जाता है।

अधिकार से संबंधित इस तरह के केसेस किस प्रकार हैंडल किए जाते हैं, उनकी प्रक्रिया क्या होती है, इसके अंदर यही सब सिखाया जाता है।

यही चीज जमीन या संपत्ति पर भी लागू होती है, power of attorney जैसे शब्दों के बारे में संभवत: आपने सुना होगा। इस तरह की स्थितियों में लोग अक्सर कानून और कोट कचहरी जाते हैं।

4. Cyber law (साइबर लॉ)

आज के इस आधुनिक समय में बढ़ते तकनीक के साथ इंटरनेट हर जगह बहुत सारे कामों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

दुनिया के अरबों लोगों की पर्सनल डिटेल आपको इंटरनेट पर देखने को मिल जाती है।

साइबर लॉ के अंतर्गत बौद्धिक संपदा, गोपनीयता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अधिकार जैसे कानूनी मामले शामिल होते हैं, इस कोर्स में आपको यह बताया जाता है कि आप किस प्रकार से इंटरनेट पर मानव गतिविधि द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों को निपटा सकते है, इसके लिए कौन से कानून बनाए गए हैं और उनका उपयोग कैसे किया जा सकता है।

खासतौर से ऑनलाइन शॉपिंग, सोशल नेटवर्किंग, ऑनलाइन स्टडी, ऑनलाइन जॉब डाटा स्टोर करना, या ऑनलाइन गेमिंग इत्यादि जैसी चीजों को ध्यान में रखकर ही इस लॉ को बनाया गया है। क्योंकि उपभोक्ताओं की पर्सनल जानकारी ऐसी जगहों से ही ली जा सकती है।

इनसे होने वाले किसी प्रकार के गैरकानूनी कामों को रोकने के लिए इस लॉ की पढ़ाई कराई जाती है।

internet के साथ साथ साइबर अपराधों की अवधारणा भी विकसित हुई है, आज के समय मे साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है, इसीलिए इसकी पढ़ाई और भी जरूरी है।

5. Tax law (टैक्स लॉ)

टैक्स का मतलब तो हम सभी को पता ही है, देश के हर नागरिक का सही तरीके से टैक्स भरना जरूरी होता है।

पर ऐसा होता है कि बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो अपना टैक्स नहीं भरते, वे बैंकों को या फिर सरकार को टैक्स देने से मना करते हैं, जिसके लिए वे कई बार कुछ गैर कानूनी काम भी करते हैं।

टैक्स की भरपाई से संबंधित क्राइम के लिए निर्धारित किए गए कानूनों की पढ़ाई ही इस विषय के अंतर्गत आती है।

इस प्रकार के क्राइम्स को किस तरह से रोका जा सकता है, दोषी को किस कानून के तहत क्या सजा दी जानी चाहिए जैसी बातें tax law में पढ़ी जाती है।

जो लोग अपना सर्विस टैक्स, इनकम टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स, सेल टेक्स इत्यादि भरने से मना कर देते है, और उसके नियमों का भी उलंघन करते है, इन सब अपराधों के लिए कौन से कानून और नियम बनाए गए हैं, ये सब आपको अपना एलएलबी कोर्स करते वक्त इस कोर्स के अंर्तगत बताया जाता है।

6. Corporate law (कॉरपोरेट लॉ)

Corporate किसी बड़े बिजनेस कंपनी या एंटरप्राइज को कहा जाता है, इसीलिए कॉरपोरेट लॉ को बिजनेस लॉ या इंटरप्राइज लॉ भी कहा जाता है।

असल में देश की हर कंपनी को उस देश की सरकार द्वारा निर्धारित नियम और कानूनों को follow करते हुए ही operate करना होता है, पर कुछ कंपनियां ऐसी भी होती है जो अपना व्यवसाय गैरकानूनी रूप से चलाते हैं, ऐसे में आप किस प्रकार से उस कंपनी का विरोध करेंगे, उस कंपनी को गैरकानूनी कैसे साबित करेंगे, इत्यादि जैसी चीजें आपको कॉरपोरेट लॉ के अंतर्गत पढ़नी होती है। 

कॉरपोरेट लॉ में बिजनेस से संबंधित सारे कानून के बारे में, उनका उल्लंघन होने पर क्या और कैसे करना चाहिए आदि सिखते हैं, आज के समय में बढ़ते बिजनेस के साथ कॉरपोरेट लॉयर की मांग काफी ज्यादा रहती है, एक अच्छे corporate  लॉयर के तौर पर कोई बेहतर भविष्य बना सकता है।

7. Family Law (फैमिली लॉ)

जमीन बंटवारा में आपसी विवाद, पारिवारिक विवाद में झगड़े, आपस मे मार पीट, समाज मे कुरीतियों का बढ़ावा देना, तलाक देना, भाई भाई में लड़ाई, गोद लेने से संबंधित विवाद, शादी में कुछ आपसी झगड़े, फैमिली या पर्सनल प्रॉब्लम इत्यादि को पारिवारिक अपराध/क्राइम कहा जा सकता है।

फैमिली लॉ के अंतर्गत इस जैसी चीजें, इससे संबंधित क्राइम्स के बारे में, और उसके लिए निर्धारित नियम कानून के बारे में पढ़ना होता है।

यदि आप एक लॉयर है तो आप इन सब अपराधों को कैसे हल कर सकते है, आप ऐसे में किन कानूनों का प्रयोग करेंगे, आदि के बारे में इस विषय में जानकारी दी जाती है।

आज के समय मे इस प्रकार के क्राइम्स दिन प्रति दिन बढ़ते जा रहा है, इसीलिए विशेष करके इसके लिए कुछ कुछ जिलों में फैमिली कोर्ट का भी निर्माण किया गया है, जहां इस तरह का अपराधों और मामलों को सुलझाया जाता है।

FAQs

एलएलबी में कौन सा सब्जेक्ट लेना चाहिए?

10वीं के बाद PCM/PCB (Science), Arts या कोmmerce आदि में से किसी की भी पढ़ाई करके आप 12वीं के बाद एलएलबी में दाखिला ले सकते हैं।

एलएलबी में फर्स्ट सेमेस्टर में कितने सब्जेक्ट होते हैं?

3 साल के एलएलबी कोर्स के फर्स्ट सेमेस्टर में आपको न्यायशास्त्र, भारत का संविधान, अनुबंध कानून, अपकृत्य कानून आदि विषय पढ़ने होते हैं।

एलएलबी से क्या बन सकते हैं?

एलएलबी से आप क्रिमिनल लॉयर, लिटिगेशन लॉयर, लीगल एडवाइजर, लीगल कंसलटेंट आदि समेत और भी काफी कुछ बन सकते हैं।

वकील के लिए कौन सा विषय सबसे अच्छा है?

ज्यादातर वकीलों के पास अंग्रेजी, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, दर्शनशास्त्र, पत्रकारिता आदि जैसे विषयों में डिग्री होती है। वकील के कोर्स के दौरान आप कानून के बारे में पढ़ते हैं इसीलिए इससे संबंधित विषय लेना ही आपके लिए सबसे अच्छा रहेगा।

Conclusion

एलएलबी कोर्स के मुख्य सबजेक्ट्स हैं – क्रिमिनल लॉ (Criminal Law), साइबर लॉ (Cyber Law), बैंकिंग लॉ (Banking Law), टेक्स लॉ (Tax Law), कॉरपोरेट लॉ (Corporate Law), फैमिली लॉ (Family Law), पेटेंट अटॉर्नी (Patent Attorney) आदि।

12वीं तक जिन छात्रों ने आर्ट्स स्ट्रीम से पढ़ाई की होती है, उनसे काफी छात्र एलएलबी करने की सोचते हैं, बहुत से विद्यार्थियों के लिए एक अच्छा कोर्स है।

पर जो छात्र एलएलबी के कोर्स में दाखिला लेना चाहते हैं उनके लिए यह जरूरी होता है कि उन्हें या अच्छे से पता होती एलएलबी में किन विषयों को पढ़ाया जाता है यानी कोर्स के दौरान उन्हें किन सब्जेक्ट्स को पढ़ना होगा।

पढ़ाए जाने वाले विषयों की सही जानकारी रहने पर छात्रों को भविष्य में आसानी होती है।

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