दोस्तों इस आर्टिकल में हम कुछ ऐसे Aspirants के बारे में बात करेंगे जो बहुत ही गरीब थें, पर कठिन मेहनत और परिश्रम के बाद आगे चलकर IAS officers बनें।
आज भारत में सिविल सेवा का नाम सबसे प्रतिष्ठित नौकरी में आता है।
हर साल कई लाखों की संख्या में विद्यार्थी IAS, IPS बनने के लिए civil सेवा की परीक्षा में बैठते हैं।
हमारा यह आर्टिकल मुख्य रूप से केंद्रित है ऐसे IAS officers के ऊपर जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, वे महंगे coaching नहीं ले सकते थे फिर भी अपनी खुद की मेहनत के दम पर उन्होंने आईएएस का मुकाम हासिल किया और civil services के सबसे प्रतिष्ठित पद पर कार्यरत होकर देश की सेवा में योगदान दिया।
यहां हम कुछ बहुत गरीब IAS officers के बारे में जानेंगे, उनके गरीबी से लड़ते हुए IAS बनने तक के सफर की inspiring story के बारे में संक्षिप्त में बात करेंगे।
आज हम जानेंगे
बहुत गरीब IAS अधिकारी
ये कुछ ऐसे प्रेरणादायक नाम हैं जिन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति सही ना रहने के बावजूद भी कठिन मेहनत और परिश्रम से खुद को एक IAS officer बनाया –
- Gopalakrishna Ronanki (गोपालकृष्ण रोनांकी)
- Shikha Surendran (शिखा सुरेंद्रन)
- Sivaguru Prabakaran (शिवगुरु प्रभाकरण)
- Tapasya Parihar (तपस्या परिहार)
- Mohammad Ali Shihab (मोहम्मद अली शिहाब)
- Sweta Agarwal (श्वेता अग्रवाल)
- Safin Hasan (सफिन हसन)
- Jayant Mankale (जयंत मांकले)
- Surya Kant Dwivedi (सूर्य कांत द्विवेदी)
दोस्तों सिविल सेवा की परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है, और जितना कठिन होने के कारण इसमें सफल होने के लिए विद्यार्थियों को सही coaching लेनी होती है।
और अच्छी coachings काफी महंगी होती है ऐसे में जो गरीब विद्यार्थी होते हैं, वे उन्हें afford नहीं कर पाते हैं। पर यदि पूरे मन से मेहनत और परिश्रम किया जाए तो क्या हासिल नहीं किया जा सकता है।
ऊपर जो नाम दिए गए हैं उन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति से लड़ते हुए अपने आईएएस बनने के सपने को सच किया। इनकी story से आने वाले
Gopalakrishna Ronanki (गोपालकृष्ण रोनांकी)
दोस्तों Gopalakrishna Ronanki आंध्र प्रदेश राज्य के Srikakulam district के एक गरीब किसान के बेटे थे।
आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद इन्होंने 2016 में सिविल सर्विस की परीक्षा AIR 3 rank के साथ पास की थी।
परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण ये महंगे coachings afford नहीं कर सकता थे।
फिर भी इन्होंने अपनी कठिन परिश्रम और मेहनत के साथ पढ़ाई की और UPSC clear किया।
Shikha Surendran (शिखा सुरेंद्रन)
दोस्तों Shikha Surendran ने 2017 की सिविल सर्विस की परीक्षा AIR 16 के साथ पास की थी।
ये kerela के एक छोटे से गांव से belong करती हैं।
इन्होनें कुछ समय तक दिल्ली में आईएएस परीक्षा की तैयारी की थी, पर जब आगे ये वहां अपनी तैयारी नहीं कर सकीं तो अपने गांव वापस आकर सिर्फ ऑनलाइन preparation करके UPSC को पार किया।
चीन की आर्थिक स्थिति में बहुत अच्छी नहीं थी फिर भी इन्होंने सही मेहनत से अपना मुकाम हासिल किया।
Sivaguru Prabakaran (शिवगुरु प्रभाकरण)
ये तमिल नाडु के Melaottankadu गांव से आते हैं।
परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण पहले उन्होंने अपने इंजीनियर बनने के सपने को दबा दिया।
इसके बाद इन्होंने एक sawmill operator के तौर पर काम किया, फिर खेती भी की और अपने सफर के क्रम में रेलवे स्टेशन में भी सोए।
बाद में उन्होंने 2014 में आईआईटी मद्रास से M.Tech किया और फिर 2017 में AIR – 101 rank के साथ UPSC पास करके सिविल सेवा अधिकारी बने।
Tapasya Parihar (तपस्या परिहार)
मध्य प्रदेश के jowa गांव की एक किसान की बेटी तपस्या परिहार ने 2017 की UPSC परीक्षा में AIR-23 लाकर अपने आईएएस बनना सपने को पूरा किया।
इनकी परिवार की आर्थिक स्थिति भी कोई बहुत ज्यादा अच्छी नहीं थी, फिर भी इनके पिता ने इनके सपनों को support किया और जिससे इन्होंने दूसरे प्रयास में UPSC Clear कर लिया।
Mohammad Ali Shihab (मोहम्मद अली शिहाब)
मोहम्मद अली शिहाब के IAS बनने की कहानी भी बहुत प्रेरणादायक है, ये केरल के एक छोटे से गांव से आते हैं।
इनका जन्म एक बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था।
आईएएस बनने से पहले इनके पिता भी गुजर गए थे। अपने गरीबी के दिनों में पढ़ाई करने के लिए इन्होंने पान के पत्ते और बांस की टोकरियां बेची है।
इन्होंने आईएएस की तैयारी के लिए peon, क्लर्क और स्कूल में शिक्षक का काम भी किया है।
2011 की सेवा सेवा के परीक्षा में इन्होंने अपने मेहनत के दम पर AIR-226 रैंक लाई और अपने आईएएस बनने के सपने को पूरा किया।
Sweta Agarwal (श्वेता अग्रवाल)
श्वेता अग्रवाल बंगाल के हुगली जिले के एक दुकानदार की बेटी हैं, इन्होंने 2015 की सिविल सेवा परीक्षा में AIR – 19 रैंक अर्जित की और अपने IAS तक के सफर को तय किया।
इन्हें अपनी शुरुआती शिक्षा पाने के लिए भी मेहनत करनी पड़ी थी। बिना किसी महंगी पढ़ाई के इन्होंने यूपीएससी की तैयारी की।
2015 से पहले भी इन्होंने दो बार यूपीएससी clear किया था लेकिन उनका सपना आईएएस बनने का था इसीलिए 2015 में इन्होंने 19 rank लाकर अपने सपने को पूरा किया।
Safin Hasan (सफिन हसन)
सफिन हसन ने अपनी मां के हजारों रोटियों के दम पर अपने आईएएस बनने के सपने को पूरा किया।
एक गरीब परिवार से आने के कारण इनके पास यूपीएससी की तैयारी के लिए महंगे कोचिंग में देने के लिए पैसे बिलकुल नहीं थे।
लेकिन पढ़ाई के प्रति इनके जुनून को देखते हुए इनकी मां Naseem Banu Begum ने local restaurants और marriage halls के लिए हजारों रोटियां बनाई और उससे आए पैसों से अपने बेटे के आईएएस बनने तक के सफर को पूरा कराया।
इन्होंने 2017 के UPSC परीक्षा में AIR – 570 लाकर खुद को एक सिविल सेवा अधिकारी बनाया।
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Jayant Mankale (जयंत मांकले)
जयंत मांकले ने अपने चौथे attempt में यूपीएससी में AIR – 923 लाकर एक सिविल सेवा अधिकारी बनने तक के सफर को तय किया।
बिना किसी financial resource के, बिना किसी महंगी कोचिंग के इन्होंने civil service की तैयारी की। इनके पास audio books या screen readers खरीदने तक के पैसे भी नहीं थे।
सबसे जरूरी बात की इन्होंने 2014 में ही अपनी 75% दृष्टि यानी vision ability खो दी थी।
पर इसके बावजूद ये रुके नहीं, जी तोड़ मेहनत और परिश्रम किया और अपने सपने को पूरा किया।
Surya Kant Dwivedi (सूर्य कांत द्विवेदी)
एक सिक्योरिटी गार्ड के बेटे ने 2015 में यूपीएससी पास करके पने सिविल सेवा में जाने के सपने को पूरा किया।
एक सिक्योरिटी गार्ड होने के बावजूद सूर्य कांत द्विवेदी के पिता ने जहां तक हो सके अपने बेटे को support किया।
आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण ये भी महंगे कोचिंग नहीं ले पाएं, फिर भी इन्होंने अपनी तरफ से पूरी मेहनत की और UPSC में 242 रैंक अर्जित की।
Conclusion
इस आर्टिकल में हमने ऐसे कुछ IAS officers के बारे में थोड़ा जानना है जो अपनी गरीबी के बावजूद अपने सपने तक पहुंचे।
हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए फायदेमंद अच्छी लगी होगी।
इससे संबंधित कोई प्रश्न आदि रहने पर आप हमें नीचे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।
यहां तक इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद!
Akash, Padhaipur के Writter है। इन्होंने 2020 में अपनी M.A (हिंदी) की पढ़ाई पूरी की।इनको किताबें पढ़ने का बहुत शौक़ है, इसके अलावा इन्हें लिखना भी बहुत पसंद है।