इस आर्टिकल में हमारा टॉपिक है ‘आरटीई बच्चों को विद्यालय से क्या-क्या फ्री मिलता है?’।
आरटीई के तहत एडमिशन मिलने वाले बच्चों को स्कूल से क्या-क्या फ्री मिलता है?
दोस्तों शिक्षा हर किसी का मौलिक अधिकार है।
हर किसी का शिक्षित होना जरूरी है और इसी के लिए केंद्र सरकार की आरटीई (RTE – Right To Education) Act के तहत हर बच्चे को कक्षा 1 से लेकर आठवीं तक सरकारी और साथ ही प्राइवेट स्कूल में भी मुफ्त शिक्षा पाने का अधिकार है।
बच्चे आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूल में भी एडमिशन ले सकते हैं और मुफ्त में शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
इसी से संबंधित एक कॉमन सवाल बहुत से लोगों और अभिभावकों के मन में रहता है कि आरटीई बच्चों को विद्यालय से क्या-क्या फ्री मिलता है?
इस आर्टिकल में हम इसी के बारे में विस्तार से बात करेंगे।
RTE के तहत एडमिशन मिलने वाले बच्चों को नियमों के अनुसार स्कूल से क्या-क्या चीजें फ्री में मिलनी चाहिए और क्या-क्या चीजें फ्री में मिलती हैं, इन सभी के बारे में विस्तार से बात करेंगे।
आज हम जानेंगे
आरटीई बच्चों को विद्यालय से क्या-क्या फ्री मिलता है?
आरटीई बच्चों को स्कूल से निशुल्क शिक्षा, uniform और books फ्री में दिए जाने के नियम हैं, हालांकि अलग-अलग राज्यों में इसमें अंतर देखने को मिलता है।
अगर किसी बच्चे का आरटीई के तहत एडमिशन हुआ है तो शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत उन्हें मुफ्त शिक्षा का अधिकार होता है।
सरकारी स्कूलों में तो पढ़ाई वैसे भी निशुल्क होती है, पर RTE के तहत गरीब बच्चे प्राइवेट स्कूल में भी मुफ्त में शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने के लिए विद्यार्थियों के अभिभावकों से अच्छी खासी फीस ली जाती है, लेकिन गरीब वर्ग के बच्चे आरटीई अधिनियम के तहत प्राइवेट स्कूलों में भी मुफ्त में पढ़ाई कर सकते हैं, इसमें उनकी पढ़ाई का जो भी खर्च आता है उसका केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से वहन किया जाता है।
सामान्यतः प्राइवेट स्कूलों की 25% सीटें RTE के तहत एडमिशन होने के लिए आरक्षित रहती हैं।
RTE के नियम में, यदि बच्चे का इसके तहत private स्कूल में एडमिशन हुआ है, तो उसकी फीस सरकार देगी, और साथ ही किताबें और यूनिफॉर्म भी।
पर अलग-अलग राज्यों में इसे लेकर थोड़े अलग-अलग नियम हैं।
कई राज्यों में आरटीई के तहत एडमिशन लेने वाले बच्चों का सरकार की ओर से सिर्फ school fees आता है, कई राज्यों में स्कूल फीस और किताबों के लिए फीस, तो किसी राज्य में स्कूल फीस, किताब और यूनिफॉर्म तीनों के लिए फीस।
जैसे की राजस्थान राज्य में आरटीई के तहत एडमिशन लेने वाले बच्चों का स्कूल में स्कूल फीस और किताबों के लिए फीस सरकार की ओर से आने का प्रावधान है।
जबकि मध्यप्रदेश में सिर्फ स्कूल ही सरकार की ओर से आई थी।
तो आरटीई के तहत एडमिशन मिलने पर स्कूल से बच्चों को क्या-क्या चीजें मुफ्त में मिलेंगी यह उनके राज्य के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है।
पर सामान्यत: इसमें प्राईवेट स्कूलों में भी एक से लेकर आठवीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा का प्रावधान है।
इसमें स्कूल फीस, किताबें और यूनिफॉर्म आदि सभी कुछ मुफ्त में मिल सकता है।
RTE बच्चों को क्या fees लग सकती है?
जैसा कि हमने जाना की अलग अलग राज्य में आरटीई के तहत एडमिशन लेने वाले बच्चों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए उसमें थोड़ा बहुत अंतर हो सकता है।
कई राज्य में यूनिफॉर्म के लिए फीस नहीं आती है तो अभिभावकों को अपने स्तर पर उसे मैनेज करना होगा, जबकि कई राज्यों में किताबों के लिए भी यह बात हो सकती है।
अब कुछ ऐसी सामान्य चीजें भी है, जोकि स्कूलों से मुफ्त में नहीं मिलती और उसके लिए पैसा देना पड़ता है।
जैसे की यदि आने जाने के लिए बच्चा स्कूल के गाड़ी का इस्तेमाल कर रहा है तो उसकी फीस अलग से देनी पड़ सकती है।
इसके अलावा अन्य कोई भी ऐसा काम हो जिसके लिए सरकार की ओर से पैसा नहीं आता है तो उसकी भी फीस आपको देनी पड़ सकती है।
जैसे कि सरकार की ओर से हर साल पूरे खर्चे के लिए एक निर्धारित रकम ही आती है, और कई बार वह फीस पूरा नहीं पड़ता है, तो इसमें स्कूल अभिभावकों से अलग से फीस की मांग कर सकते हैं।
हालांकि यह गलत है क्योंकि सरकार इतनी फीस भेजती है, जितना की प्राइवेट स्कूलों को फीस के रूप में अभिभावकों से लेने के लिए निर्धारित होता है।
तो extra fees की मांग किए जाने पर अभिभावकों के पास से लेकर कंप्लेंट करने का भी विकल्प होता है।
हालांकि पहले अभिभावक स्कूल प्रशासन से बात करके अपने स्तर पर उसे मैनेज करने के लिए भी ट्राई कर सकते हैं, और ज्यादातर परिस्थितियों में ऐसा ही देखा जाता है।
इन्हें भी पढ़ें
RTE के तहत एडमिशन कैसे होता है?
Right to Education Act के तहत low income (1 लाख से कम) वाले लोग भी अपने आसपास के private स्कूलों में मुफ्त में अपने बच्चों का एडमिशन करा सकते हैं।
मध्य प्रदेश राज्य 2022-23 session के लिए में 2 लाख से ज्यादा अभिभावकों ने RTE के तहत एडमिशन के लिए आवेदन किया था जिसमें में से 1,71,000 बच्चे एडमिशन के पात्र माने गए थें।
इन बच्चों को ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से स्कूलों का आवंटन किया गया।
आरटीई के तहत admission process की बात करें तो बच्चों को private स्कूलों में admission के लिए सबसे पहले परिजनों को rteportal.mp.gov.in पर जाकर एप्लीकेशन फॉर्म डाउनलोड करना होगा।
आरटीई के माध्यम से निजी स्कूलों की 25% seats पर गरीब नागरिकों के बच्चों का मुफ्त एडमिशन होता है जिसका खर्च सरकार द्वारा उठाया जाता है।
उस form में मांगी गई जरूरी जानकारी भरकर, OTP से mobile number verify करके, अलॉटमेंट लेटर को भरकर सबमिट करना होता है।
इसके बाद लॉटरी के आधार पर बच्चों को एडमिशन मिलता है।
इस आरटीई एक्ट के तहत दुर्बल आय वर्ग के बच्चों को 8वीं तक मुफ्त शिक्षा मिलती है।
एक लाख से कम वार्षिक आय वाले लोग, युद्ध विधवाएं, बीपीएल और पीडब्लूडी उम्मीदवार भी इसमें apply कर सकते हैं।
जरुरी documents में, आवेदन के साथ आधार कार्ड, अभिभावक का वोटर आईडी कार्ड, आय प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, दो पासपोर्ट साइज फोटो, बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र, तहसीलदार द्वारा जारी आवासीय प्रमाण पत्र और किसी बीमारी आदि के केस में मेडिकल सर्टिफिकेट लगता है।
RTE का पुरा नाम Right To Education है। यह सरकार का एक अधिनियम है जिसके तहत हर बच्चा मुफ्त में आठवीं तक शिक्षा प्राप्त कर सकता है।
Right to Education Act 6 से 14 वर्ष की उम्र के बच्चों को 1 से 8वीं कक्षा तक फ्री एजुकेशन की गारंटी देता है।
RTE के तहत पहली कक्षा में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र 6 वर्ष या उससे अधिक होने का प्रावधान है।
आरटीई एक्ट के तहत एक लाख से कम वार्षिक आय वाले लोग, युद्ध विधवाएं, बीपीएल और पीडब्लूडी अभिभावक अपने बच्चे के एडमिशन के लिए apply कर सकते हैं।
Conclusion
इस आर्टिकल में हमने आरटीई बच्चों को विद्यालय से क्या-क्या फ्री मिलता है? इसी पर बात की है।
यहां हमने आपको इस विषय पर अच्छे से जानकारी देने का प्रयास किया है।
उम्मीद करते हैं यह आर्टिकल आपके लिए helpful रहा होगा, इससे संबंधित कोई प्रश्न हो तो हमें कमेंट सेक्शन में जरूर पूछें।
Akash, Padhaipur के Writter है। इन्होंने 2020 में अपनी M.A (हिंदी) की पढ़ाई पूरी की।इनको किताबें पढ़ने का बहुत शौक़ है, इसके अलावा इन्हें लिखना भी बहुत पसंद है।