इस आर्टिकल में हमारा टॉपिक है ‘रेगुलर और प्राइवेट में क्या अंतर है?’।
रेगुलर कोर्स और प्राइवेट कोर्स में क्या अंतर होता है?
रेगुलर मोड और प्राइवेट मोड में क्या अंतर है?
रेगुलर बीए और प्राइवेट बीए में क्या अंतर है? आदि।
दोस्तों 12वीं पास कर लेने के बाद अंडर ग्रेजुएट कोर्स में दाखिला लेने वाले बहुत से विद्यार्थियों के मन में अपने अंडर ग्रेजुएट कोर्स के संबंध में एक सवाल रहता है कि रेगुलर और प्राइवेट में क्या अंतर है?
यानी कि रेगुलर कोर्स और प्राइवेट कोर्स में क्या अंतर है?
संभवतः आपने भी यह सवाल कई विद्यार्थियों से सुना होगा कि अंडर ग्रेजुएशन में रेगुलर कोर्स और प्राइवेट कोर्स में क्या अंतर होता है?
तो आज के इस आर्टिकल में हम मुख्य तौर पर इसी पर बात करेंगे कि रेगुलर और प्राइवेट में क्या अंतर है?
यहां हम एक रेगुलर कोर्स और एक प्राइवेट कोर्स के बीच के अंतर को विस्तार से समझेंगे।
आज हम जानेंगे
रेगुलर और प्राइवेट में क्या अंतर है?
रेगुलर कोर्स में आप रोजाना नियमित तौर पर कॉलेज जाकर अपने कोर्स की पढ़ाई करते हैं, जबकि प्राइवेट कोर्स में आपको कॉलेज नहीं जाना होता आप खुद से घर पर पढ़ाई करके सिर्फ परीक्षा देने कॉलेज आते हैं।
रेगुलर कोर्स और प्राइवेट कोर्स के बीच के अंतर को सबसे आसान तरीके में ऐसे ही समझा जा सकता है कि रेगुलर कोर्स में आप रोज कॉलेज जाते हैं, अपना अटेंडेंस बनाते हैं, कॉलेज में जाकर पढ़ाई करके सिलेबस पूरा करके फिर कॉलेज में जाकर परीक्षा देते हैं।
और फिर सारी परीक्षाओं को पास करके अपना कोर्स पूरा करते हैं।
जबकि प्राइवेट कोर्स को आप Open University / Non Schooling से समझ सकते हैं।
प्राइवेट कोर्स में आप रोजाना कॉलेज नहीं जाते हैं, आपका कोई अटेंडेंस नहीं बनता है, आप खुद से घर पर अपने किताबों से अपने कोर्स की पढ़ाई करते हैं, और सिर्फ परीक्षा देने के लिए आपको स्कूल/कॉलेज आना होता है।
जितने भी मुख्य अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट लेवल कोर्सेज हैं, उन्हें आप रेगुलर मोड या प्राइवेट मोड में कर सकते हैं।
अगर आप रेगुलर मोड चुनते हैं जो कि ज्यादातर विद्यार्थी चुनते हैं, तो आपको रोजाना कॉलेज जाकर उसकी पढ़ाई करके फिर परीक्षा देकर वह कोर्स पूरा करना होगा।
और वहीं अगर आप प्राइवेट मोड चलते हैं तो आपका सिर्फ उस कोर्स में किसी मान्यता प्राप्त संस्थान में नामांकन रहेगा।
आप घर पर रहकर खुद से ही उसकी पढ़ाई करेंगे, खुद कॉलेज जाकर एग्जाम फॉर्म आदि भरेंगे, और सिर्फ परीक्षा देने के लिए कॉलेज जाएंगे।
रेगुलर और प्राइवेट में क्या अंतर होता है?
अब हम एक-एक करके रेगुलर कोर्स और प्राइवेट कोर्स के बीच के सभी मुख्य अंतरों के बारे में थोड़ा विस्तार से जान लेते हैं –
1. Mode of Education (कोर्स का तरीका)
रेगुलर कोर्स में आप full time और regular class जाकर अपना कोर्स पूरा करते हैं।
जबकि प्राइवेट में आपको रोजाना कॉलेज नहीं बल्कि सिर्फ परीक्षा देने के लिए कॉलेज जाना होता है।
प्राइवेट में आपका सिर्फ किसी मान्यता प्राप्त संस्थान में किसी कोर्स में नामांकन हुआ रहता है, आप वहां पढ़ते नहीं जाते हैं।
2. Duration (अवधि)
रेगुलर कोर्स सामान्यतः एक निश्चित अवधि यानी (fixed duration तक के ही होते हैं।
एक रेगुलर अंडर ग्रेजुएट डिग्री की अवधि अलग-अलग फील्ड के कोर्स के हिसाब से 3 से 4 साल तक की ही होती है।
वहीं प्राइवेट कोर्स की अवधि अलग-अलग हो सकती है।
कई प्राईवेट कॉलेज रेगुलर से कम अवधि में भी अंडर ग्रेजुएट प्राइवेट कोर्स पूरा करा देते हैं, जबकि कोई कॉलेज ज्यादा से ज्यादा 5 से 6 साल तक का भी समय देते हैं, प्राइवेट तरीके से अपना अंडर ग्रेजुएट कोर्स पूरा करने के लिए।
3. Structure (Curriculum)
रेगुलर कोर्स में एक structured curriculum होता है जिसमें टाइम टेबल के हिसाब से पढ़ाई होती है आप कॉलेज जाकर academic activities में भाग लेते हैं।
जबकि प्राइवेट कोर्स में ऐसी चीजें नहीं होती हैं।
आप कॉलेज जाकर किसी तरह की एक्टिविटीज आदि में भाग नहीं लेते हैं, और प्राइवेट कोर्स का curriculum भी काफी अलग हो सकता है।
4. Exams (परीक्षा)
रेगुलर मोड में आपकी रेगुलर परीक्षाएं होती हैं, आप असेसमेंट और प्रैक्टिकल आदि भी करते हैं।
जिसमें प्रदर्शन के आधार पर आपको अंक भी मिलते हैं।
प्राइवेट में भी आप परीक्षाएं तो देते हैं, लेकिन उसमें आप कॉलेज जाकर थ्योरी के साथ-साथ प्रेक्टिकल आदि नहीं सीखते हैं, तो वह परीक्षाएं प्राइवेट के लिए अलग हो सकती हैं।
5. Learning Experience (पढ़ने का तरीका)
रेगुलर मोड में आपके नियमित तौर पर कॉलेज जाकर पढ़ने से आपको एक अच्छा लर्निंग एक्सपीरियंस मिलता है, यानी आप ज्यादा सीखते हैं।
वहीं प्राइवेट मोड में आप कॉलेज नहीं जाकर खुद अपने स्तर से किताबों आदि का चुनाव करके पढ़ते हैं, जिसमें की लर्निंग एक्सपीरियंस आपके खुद के हिसाब से बनता है।
6. Recognition (मान्यता)
सामान्यतः, रेगुलर मोड से की हुई डिग्री को एक प्राइवेट मोड से की हुई डिग्री की तुलना में ज्यादा मान्यता दी जाती है।
हालांकि सरकारी नौकरी जैसी चीज के लिए रेगुलर और प्राइवेट दोनों डिग्री की मान्यता समान रहती है।
लेकिन ऐसा कह सकते हैं कि ज्यादातर संस्थाओं द्वारा रेगुलर मोड में की हुई डिग्री को प्राइवेट से की गई डिग्री की तुलना में बेहतर समझा जाता है।
जिसका असर कई बार जॉब आदि लेने के समय भी दिखता है।
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इनके अलावा और कुछ अंतरों में, रेगुलर मोड में आपकी परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन और एग्जाम फॉर्म आदि भरने जैसे काम आपका कॉलेज आपके लिए कर सकता है, जबकि प्राइवेट मोड में यह सारे काम आपको खुद ही करने होते हैं।
रेगुलर और प्राइवेट, दोनों ही तरीकों में आपका नामांकन एक मान्यता प्राप्त संस्थान में एक मान्यता प्राप्त कोर्स में होता है।
पर रेगुलर में आप कॉलेज जाकर उसकी पढ़ाई करते हैं और प्राइवेट में खुद अपने घर पर रहकर।
रेगुलर और प्राइवेट में से कौन सा बेहतर है?
रेगुलर मोड और प्राइवेट मोड, दोनों ही तरीकों के अपने फायदे और अपने नुकसान हैं।
और आपके लिए कौन सा सबसे अच्छा होगा वह आपकी स्थिति पर निर्भर करता है।
अगर आप एक सामान्य विद्यार्थी हैं तो आप रेगुलर तरीके से कोर्स करके अच्छी डिग्री पा सकते हैं।
लेकिन अगर आप कोई ऐसे विद्यार्थी हैं जिनके पास समय नहीं है और आर्थिक स्थिति या किसी भी और कारण से वह काम आदि करते हैं, लेकिन फिर भी अपनी पढ़ाई करना चाहते हैं, तो ऐसे में आपके लिए प्राइवेट तरीका ही रेगुलर से ज्यादा सही रहेगा।
FAQs
मान्यता के मामले में सामान्यतः रेगुलर को प्राइवेट से बेहतर समझा जाता है। लेकिन समय अवधि और फ्लैक्सिबिलिटी आदि के लिए कई विद्यार्थियों के लिए प्राइवेट बेहतर रहता है।
रेगुलर स्टूडेंट नियमित तौर पर कॉलेज जाकर क्लास अटेंड करते हैं। जबकि प्राइवेट स्टूडेंट कॉलेज ना जाकर घर पर रहकर ही खुद से पढ़ाई करते हैं।
यहां पर प्राइवेट कॉलेज का मतलब है जो प्राइवेट मोड में कोर्स ऑफर करते हैं, जबकि रेगुलर कॉलेज यानी जो रेगुलर मोड में कोर्स ऑफर करते हैं।
ओपन कॉलेज में आप रोजाना कॉलेज अटेंड करने नहीं जाते हैं, सिर्फ परीक्षा देने जाते हैं। जबकि रेगुलर कॉलेज में आपको नियमित तौर पर रोज कॉलेज जाकर अटेंडेंस बनाना होता है।
Conclusion
तो रेगुलर और प्राइवेट में अंतर यही है कि रेगुलर कोर्स में आप रोजाना नियमित तौर पर कॉलेज जाकर अपने कोर्स की पढ़ाई करते हैं, और प्राइवेट कोर्स में आप कॉलेज न जाकर खुद से घर पर पढ़ाई करके सिर्फ परीक्षा देने कॉलेज आते हैं।
उम्मीद करते हैं यह आर्टिकल आपके लिए कुछ informative रहा होगा।
इससे संबंधित कोई भी प्रश्न आदि यदि आपके मन में हो तो आप हमें कमेंट सेक्शन में जरूर पूछें।