पढ़ाई के लिए टाइम टेबल कैसे बनाएं? | Padhai ke liye time table kaise banaye

इस आर्टिकल में हमारा टॉपिक है ‘पढ़ाई के लिए टाइम टेबल कैसे बनाएं’। 

पढ़ाई के लिए टाइम टेबल कैसे बनाना चाहिए? 

पढ़ाई के लिए टाइम टेबल कैसे बना सकते हैं? 

दोस्तों पढ़ाई तो हर विद्यार्थी करता है, लेकिन effective पढ़ाई करने के लिए विद्यार्थियों को एक टाइम टेबल फॉलो करना बहुत ही जरूरी है। 

क्यूंकि एक टाइम टेबल के हिसाब से पढ़ाई करने से ही वे समय का पूरा सदुपयोग कर सकते हैं। 

तय किए गए कामों को तय किए गए समय पर करने से ही आप ज्यादा से ज्यादा समय बचा भी सकते हैं। 

अब शुरुआत में हर विद्यार्थी के मन में यह बात रहती ही है कि वे पढ़ाई के लिए टाइम टेबल कैसे बनाएं? 

पढ़ाई के लिए टाइम टेबल कैसे बनाएं?

यानी वे अच्छे से पढ़ाई के लिए एक अच्छा टाइम टेबल कैसे बना सकते हैं? 

इस आर्टिकल में हम मुख्य रूप से इसी पर चर्चा करेंगे। 

यहां हम उन सभी मुख्य बिंदुओं पर चर्चा करेंगे, जिनका एक टाइम टेबल बनाने के लिए आपको ध्यान रखना चाहिए।

आज हम जानेंगे

पढ़ाई के लिए टाइम टेबल कैसे बनाएं?

पढ़ाई के लिए एक effective टाइम टेबल बनाने के लिए आपको निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना है –

  • सबसे पहले अपना goal set करें।
  • देखें आपके पास कितना available time है।
  • अपने सभी subjects की list बनाएं।
  • उस हिसाब से अपने लिए time duration चुनें।
  • पढ़ाई के अलावा भी सभी activities के लिए समय निकालें।
  • Realistic रहें।
  • Active और Passive Learning को mix करें।
  • Time Table में review और revision के लिए भी समय रखें।
  • Consistency maintain करें।
  • पढ़ाई और बाकी जरूरी कामों के बीच बैलेंस रखें।
  • अपने progress को भी देखते रहें।
  • जरूरत के हिसाब से उसमें adjustments भी करें।
  • Time Table को लेकर strict और पढ़ाई को लेकर motivated रहें।

एक effective टाइम टेबल बनाने के लिए आपको इन सभी बातों को ध्यान में रखना होता है। 

हां, time table के संबंध में एक बहुत जरूरी बात है कि यह हर किसी के लिए अपना personalised process होता है। 

यानी की एक तरीका किसी के लिए कम कर सकता है तो किसी के लिए नहीं। 

ऐसे में विद्यार्थी यह कर सकते हैं कि अलग-अलग schedules और strategies के साथ टाइम टेबल बनाकर वे देख सकते हैं कि उनके लिए कौन सा तरीका सबसे फायदेमंद रहता है। 

और यहां हम आपको कोई एक टाइम टेबल बनाकर भी नहीं दे रहे हैं। 

यहां हम सिर्फ़ उन बातों को आपको विस्तार से समझाना चाहते हैं जिनका आपको अपने लिए टाइम टेबल बनाते वक्त ध्यान रखना है। 

पढ़ाई के लिए टाइम टेबल कैसे बनाना चाहिए?

पढ़ाई के लिए एक इफेक्टिव टाइम टेबल बनाने के लिए जिन जरूरी बातों को हमने ऊपर की सुची में देखा है, अब हम एक-एक करके उन्हें थोड़ा विस्तार से जान लेते हैं –

सबसे पहले अपना goal set करें।

पढ़ाई के लिए टाइम टेबल बनाने के लिए सबसे पहले आपको अपना short term और long term academic goals set करना होगा। 

आपको पता होना चाहिए कि आप इस टाइम टेबल को बनाकर किसके लिए तैयारी कर रहे हैं, और आपका लक्ष्य क्या है। 

देखें आपके पास कितना available time है।

देखें कि आपके पास दिन भर में कुल कितना समय अवेलेबल है। 

यहां पर अवेलेबल समय का मतलब है कि आपके जरूरी काम, स्कूल और दूसरे कुछ पर्सनल काम को छोड़कर, पढ़ने के लिए आपके पास कुल मिलाकर कितना समय अवेलेबल है। 

क्यूंकि आप जो टाइम टेबल बनाएंगे उसमें आप अपने पूरे अवेलेबल समय का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करेंगे।

अपने सभी subjects की list बनाएं।

आपको कुल मिलाकर जितने भी विषय पढ़ते हैं उन सभी की आपको लिस्ट बनानी है। 

क्योंकि आप जो टाइम टेबल बनाएंगे उसमें वे सारे ही विषय cover होने चाहिए।

सब्जेक्ट की लिस्ट बनाने से आपके टाइम टेबल में कोई भी सब्जेक्ट नहीं छूटेगा।

उस हिसाब से अपने लिए time duration चुनें।

इसका मतलब है कि अपने subjects/topics को prioritize करें, कि किस विषय को ज्यादा और किस विषय को कम समय देना है। 

और उसके बाद उसी हिसाब से टाइम ड्यूरेशन करें, ताकि आपकी पढ़ाई इस तरह से हो कि आपके लिए जरूरी विषयों को ज्यादा समय मिले। 

पढ़ाई के अलावा भी सभी activities के लिए समय निकालें।

टाइम टेबल बनाने से पहले आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आप उसे टाइम टेबल में न सिर्फ पढ़ाई के लिए हर सब्जेक्ट को add करें बल्कि पढ़ाई के अलावा जो दूसरी जरूरी activities हैं, आपको उनके लिए भी समय निकालना है। 

पढ़ाई के बीच-बीच में आपको नियमित अंतराल पर जरुरी break भी लेना है ताकि mind थोड़ा fresh रह सके और आपका concentration भी बना रहे।

Realistic रहें।

टाइम टेबल बनाते वक्त रियलिस्टिक रहने का मतलब है कि आपको टाइम टेबल इतना भी स्ट्रिक्ट नहीं बनाना है कि आप पर अचानक बहुत ज्यादा burden आ जाए, और टाइम टेबल फॉलो करने में आपकी हालत खराब हो जाए। 

अपनी क्षमता के हिसाब से आप जितना पढ़ सकते हैं उसी हिसाब से आप टाइम टेबल को मैनेज रखना है।

Active और Passive Learning को mix करें।

Active और Passive लर्निंग को मिक्स करने का मतलब है कि आपको टाइम टेबल को इस हिसाब से रखना है कि आपके schedule में problem solving, practice questions और discussions (जो कि एक्टिव लर्निंग हो जाती है) और reading, note taking (जो कि पैसिव लर्निंग हो जाती है) दोनों ही बराबर मात्रा में शामिल हो।

Time Table में review और revision के लिए भी समय रखें।

टाइम टेबल में आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि आप न सिर्फ हर सब्जेक्ट को पढ़ने के लिए टाइम टेबल में समय निर्धारित करें, बल्कि उसमें आपको पढ़ी हुई चीजों का review और revision के लिए भी time देना है। 

Revision करने से आपको पढ़ी हुई चीज़े ज्यादा समय तक याद रहती हैं। 

Consistency maintain करें।

Consistency का मतलब टाइम टेबल को जितना हो सके नियमित तौर पर फॉलो करना है। 

Effective study के लिए यह बहुत जरूरी है कि आप हर तरह के डिस्ट्रेक्शंस से दूर रहें।

और नियमित तौर पर टाइम टेबल को फॉलो करते हुए निर्धारित समय पर पढ़ाई ही करें। 

पढ़ाई और बाकी जरूरी कामों के बीच बैलेंस रखें।

ऐसा भी नहीं होना चाहिए कि टाइम टेबल के चक्कर में आप सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देते हुए बाकी दूसरे जरूरी कामों को बिल्कुल अनदेखा कर दें। 

आपको सोने के लिए, दूसरी एक्टिविटीज के लिए, एक्सरसाइज के लिए, सोशल इंटरेक्शंस आदि के लिए भी पर्याप्त समय निकलना होगा। 

अपने progress को भी देखते रहें।

Time Table बनाने के बाद उसे फॉलो करते रहने के साथ-साथ आपको समय-समय पर अपने प्रोग्रेस को भी ध्यान में रखना होगा, कि उसे टाइम टेबल को फॉलो करते हुए आपका प्रोग्रेस कितना है। 

यदि आपको अच्छा प्रोग्रेस दिख रहा है तो आप उसे टाइम टेबल को फॉलो करते रहें अगर नहीं तो आपको उसमें जरूरी बदलाव करने ही होंगे। 

जरूरत के हिसाब से उसमें adjustments भी करें।

वही बात है कि आपको समय-समय पर अपने time table का effectiveness देखते रहना होगा, और आपको जब भी लगता है कि उसमें कोई बदलाव जरूरी है तो आपको वह बदलाव जरूर करना चाहिए। 

हां, वह बदलाव प्रोडक्टिव होना चाहिए। 

Adjustment से at the end आपको फायदा होना जरूरी है। 

Time Table को लेकर strict और पढ़ाई को लेकर motivated रहें।

एक effective Time Table बना लेने के बाद आपको शक्ति से उसका पालन तो करना ही है, साथ ही इसे लेकर आपको मोटिवेटेड भी रहना है। 

ऐसा नहीं होना चाहिए की शुरुआत में आप आपके अंदर जोश हो और आप टाइम टेबल को फॉलो करें पर धीरे-धीरे आप ऐसा करना कम कर दें।

आपको आगे पढ़ाई करनी है तो इसके लिए हमेशा मोटीवेटेड रहना भी होगा। 

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तो इन बातों को ध्यान में रखकर आप अपने हिसाब से एक सही टाइम टेबल बना सकते हैं। 

जैसा कि हमने ऊपर भी कहा हर किसी के लिए एक अच्छा टाइम टेबल अलग-अलग हो सकता है। 

अपने हिसाब से सभी जरूरी बातों को ध्यान में रखकर ही आपको अपने लिए एक अच्छा टाइम टेबल बनाना चाहिए। 

Academic goals achieve करने के लिए आपको एक सही टाइम टेबल के साथ पढ़ाई करना जरूरी है। 

FAQ

पढ़ाई के लिए एकदम सही टाइम टेबल क्या है?

सही टाइम टेबल हर किसी के लिए अलग-अलग हो सकता है। टाइम टेबल आपको ऐसे बनाना है कि अपनी क्षमता के हिसाब से आप ज्यादा से ज्यादा समय पढ़ाई में देखकर उसे productive बना सकें।

क्या टॉपर्स पूरे दिन पढ़ाई करते हैं?

ऐसा नहीं है की टॉपर विद्यार्थी दिन में 24 घंटे पढ़ते ही रहते हैं। आप दिन में 5 से 6 घंटे भी नियमित और व्यवस्थित तरीके से पढ़ कर topper बन सकते हैं।

1 दिन में कितना घंटा पढ़ाई करना चाहिए?

सामान्यतः आप 1 दिन में 5 से 6 घंटे की पढ़ाई को पर्याप्त मान सकते हैं। इतने ही समय अच्छे से मन लगाकर पढ़ते हैं तो यह पर्याप्त है, बाकी पढ़ने को तो आप दिन में 10-12-15 कितने भी घंटे पढ़ सकते हैं।

Conclusion

ऊपर इस आर्टिकल में हमने, पढ़ाई के लिए टाइम टेबल कैसे बनाएं इस विषय पर बात की है। 

यहां हमने उन सभी जरूरी बिंदुओं पर चर्चा की है जिनका आपको एक इफेक्टिव टाइम टेबल बनाने के समय ध्यान रखना चाहिए। 

उम्मीद करते हैं यह आर्टिकल आपके लिए कुछ informative रहा होगा। 

इससे संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो आप हमें कमेंट सेक्शन में जरूर पूछें। 

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