आज के इस आर्टिकल में हम एमबीबीएस की फीस की बात करेंगे। दोस्तों आज के समय में किसी भी विद्यार्थी से पूछे जाने पर कि वह भविष्य में आगे क्या बनना चाहता है, सबसे कॉमन जवाबों में से एक होता है ‘डॉक्टर’।
बहुत से युवा आज के समय में एक डॉक्टर बनने का सपना देखते हैं और इसके लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं।
भारत में एक अच्छा डॉक्टर बनने के लिए आपके पास एमबीबीएस की डिग्री होनी चाहिए। इसीलिए हर साल लाखों की संख्या में छात्र-छात्राएं एमबीबीएस के कोर्स में दाखिले के लिए प्रयत्न करते हैं।
और इसी में एमबीबीएस के course से संबंधित यह सवाल की एमबीबीएस की फीस कितनी है, कई सारे विद्यार्थियों के मन में आता है।
यहां इस आर्टिकल में हम मुख्यत: एमबीबीएस की फीस की ही बात करेंगे। जानेंगे भारत में एमबीबीएस कोर्स की पढ़ाई करने में कितने तक का खर्च आ सकता है।
जो भी विद्यार्थी एमबीबीएस करके डॉक्टर बनना चाहते हैं, उनके लिए इसकी फीस के बारे में सही जानकारी होना जरूरी है क्योंकि higher studies के लिए financial conditions बहुत ज्यादा मायने रखती है।
यहां हम एमबीबीएस की फीस के साथ-साथ इससे संबंधित दूसरे कुछ जरूरी बातों पर भी चर्चा करेंगे।
आज हम जानेंगे
MBBS course के बारे में
एमबीबीएस की फीस के बारे में जाने से पहले संक्षिप्त में एमबीबीएस कोर्स के बारे में थोड़ा जान लेते हैं।
फुल फॉर्म से शुरू करें तो एमबीबीएस का पूरा नाम bachelor of medicine and bachelor of surgery है जिसे हिंदी में चिकित्सा स्नातक और शल्य चिकित्सा स्नातक कहते हैं।
यह कोर्स मेडिकल के फील्ड में बैचलर डिग्री का कोर्स है, जिसे सफलतापूर्वक करने के बाद विद्यार्थी अपने नाम के आगे डॉक्टर का प्रयोग कर सकते हैं।
इस कोर्स को करने में 5.5 वर्ष का समय लगता है जिसमें 1 साल का इंटर्नशिप होता है।
11वीं और 12वीं में बायोलॉजी लेने वाले साइंस स्ट्रीम के छात्र इसे कर सकते हैं। इस कोर्स में दाखिले के लिए NEET जो कि एक राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली परीक्षा है, उसे पास करना होता है।
MBBS course की फीस
अब एमबीबीएस कोर्स की फीस की बात करते हैं। यदि आप एमबीबीएस का कोर्स करने की सोच रहे हैं तो आपकी फीस कितनी होगी यह निर्भर करता है कि आप एक सरकारी कॉलेज से एमबीबीएस का कोर्स करते हैं या एक प्राइवेट कॉलेज से।
सरकारी शिक्षण संस्थानों में एमबीबीएस की फीस कम होती है जबकि प्राइवेट संस्थान इससे कई ज्यादा फीस वसूलते हैं।
देश के सभी सरकारी,सरकारी सहायता प्राप्त संस्थान, केंद्रीय विश्वविद्यालय और निजी संस्थान/डीम्ड विश्वविद्यालय MBBS की फीस अलग-अलग लेते हैं।
कॉलेज के स्वामित्व के आधार पर, इस कोर्स की फीस कम या अधिक होती है।
हालांकि आज के समय में सरकारी और निजी दोनों ही कॉलेजों को अपने राज्य संचालन अथॉरिटी और मेडिकल काउंसलिंग कमिटी (MCC) के जरिए एमबीबीएस कोर्स की फीस से जुड़े विवरण की घोषणा करने को अनिवार्य कर दिया गया है।
एमबीबीएस course fee structure की मदद से, मेडिकल candidates को admission process शुरू होने से पहले एमबीबीएस कोर्सेज की फीस पता चल जाती है, जिससे वह अपने यूजी मेडिकल एडमिशन को सही ढंग से प्लान कर सकते हैं।
सरकारी शिक्षण संस्थानों में एमबीबीएस की फीस
एमबीबीएस का कोर्स एक सरकारी कॉलेज से करने पर विद्यार्थी को मामूली फीस देना होता है।
सरकारी कॉलेज से हर छात्र के लिए एमबीबीएस का कोर्स करना मुमकिन है, जिसका कारण है इसकी कम फीस। लेकिन सरकारी कॉलेज में एडमिशन के लिए काफी ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है।
भारत में कई सारे सरकारी मेडिकल कॉलेज है जिनमें एमबीबीएस जैसे कोर्स की पढ़ाई होती है।
सरकारी कॉलेज में दाखिले के लिए उम्मीदवार को NEET की परीक्षा पास करना अनिवार्य होता है।
नीट की परीक्षा में आए अंकों के आधार पर ही आपको कॉलेज अलॉट होता है जिससे आप अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई करेंगे।
इसीलिए जो विद्यार्थी अच्छे से अच्छे सरकारी कॉलेज से एमबीबीएस करना चाहते हैं उन्हें दसवीं के बाद से ही NEET की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
सरकारी मेडिकल शिक्षण संस्थानों में AIIMS का नाम सबसे पहले आता है।
यहां एमबीबीएस कोर्स की कुल फीस 7330 रुपए ही है। फिर AMFC (armed force medical college) की MBBS की पहले साल की फीस लगभग ₹32000 है।
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पहले साल की फीस लगभग ₹13000 है।
इस तरह अलग-अलग सरकारी कॉलेज में भी एमबीबीएस की फीस अलग-अलग होती है।
कुछ सरकारी कॉलेजेस में फीस काफी कम जबकि कुछ में यह थोड़ी ज्यादा हो सकती है।
केंद्रीय विश्वविद्यालय को छोड़कर सरकारी कॉलेज की एमबीबीएस की फीस लगभग 4-5 लाख तब भी जा सकती है।
Private शिक्षण संस्थानों में MBBS की फीस
यदि विद्यार्थी नीट की परीक्षा में अच्छे अंक अर्जित नहीं कर पाते हैं, जिस कारण उन्हें कोई अच्छा सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं मिलता, तो भी उनके पास प्राइवेट कॉलेज से एमबीबीएस करने का विकल्प रहता है।
लेकिन वहां फीस की रकम बढ़कर काफी ज्यादा हो जाती है।
भारत के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में फीस बहुत ज्यादा होती है, एक औसत के तौर पर बात करें तो अनुमानित फीस प्रतिवर्ष 12,00,000 रुपए से लेकर 28,00,000 रुपए तक भी जा सकती है।
इस फीस में कॉलेज फीस के साथ-साथ अन्य दूसरे खर्च भी शामिल है।
साढ़े 5 साल की अवधि के दौरान 4.5 साल का एमबीबीएस का कोर्स होता है, और 1 वर्ष का इंटर्नशिप। कुछ कॉलेज मुफ्त में इंटर्नशिप कराते हैं, जबकि कुछ इंटर्नशिप के लिए भी आपसे पैसे ले सकते हैं।
देश के कुछ शीर्ष medical colleges और उनकी fees
Medical Colleges | MBBS की फीस (ave.) |
Bangalore Medical College and Research Institute, Bangalore | 70,170 |
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, | 39,990 |
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़ | 39,990 |
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), वाराणसी | 14,874 |
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से एफिलिएटेड मेडिकल कॉलेज | 3,00,000 |
Hamdard Institute of Medical Sciences and Research, Delhi | 12,00,000 |
Jawaharlal Nehru Medical College, Belagavi | 15,24,000 |
Kasturba Medical College, Mangalore | 13,10,000 |
Bharati Vidyapeeth University, Pune | 17,30,000 |
Manipal Academy of Higher Education | 13,10,000 |
MGM Medical College, Aurangabad | 2,00,000 |
Kalinga Institute of Medical Sciences, Bhubaneswar | 16,00,000 |
Mahatma Gandhi Medical College and Research Institute, Puducherry | 2000000 |
Shree Balaji Medical College and Hospital, Chennai | 24,75,000 |
Conclusion
ऊपर दिए गए इस आर्टिकल में हमने मुख्य तौर पर एमबीबीएस के कोर्स की फीस की बात की है।
बहुत से विद्यार्थी डॉक्टर बनने के लिए एमबीबीएस के कोर्स में दाखिला चाहते हैं, ऐसे में उन्हें फीस से संबंधित सारी जानकारी पता होनी चाहिए।
हमने यहां भारत के सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजेस की एमबीबीएस की फीस के बारे में चर्चा की है।
Akash, Padhaipur के Writter है। इन्होंने 2020 में अपनी M.A (हिंदी) की पढ़ाई पूरी की।इनको किताबें पढ़ने का बहुत शौक़ है, इसके अलावा इन्हें लिखना भी बहुत पसंद है।