पायलट कितने प्रकार के होते हैं? | Pilot kitne prakar ke hote hain

इस आर्टिकल में हमारा टॉपिक है ‘पायलट कितने प्रकार के होते हैं?’। 

कितने तरह के पायलट होते हैं?, पायलट के अलग-अलग प्रकार कौन-कौन से हैं?, कुल कितने तरह के पायलट होते हैं? 

दोस्तों एक पायलट कौन होता है इससे तो शायद हम सभी लोग वाकिफ हैं।

पर पायलट शब्द का इस्तेमाल कमर्शियल प्लेन उड़ाने वाले, प्राइवेट प्लेन उड़ाने वाले, हेलीकॉप्टर उड़ाने वाले, सेना में हेलीकॉप्टर उड़ाने वाले, फाइटर प्लेंस उड़ाने वाले और यहां तक की rocket उड़ाने वालों के लिए भी किया जाता है। 

ऐसे में किसी व्यक्ति के मन में इससे संबंधित एक कॉमन प्रश्न आना स्वाभाविक है कि आखिर पायलट कितने प्रकार के होते हैं? 

कौन-कौन से अलग-अलग प्रकार के पायलट होते हैं?

पायलट कितने प्रकार के होते हैं?

इस आर्टिकल में हम इसी के बारे में विस्तार से बात करेंगे। 

यहां हम कुछ सबसे कॉमन अलग-अलग प्रकार के पायलट के बारे में बात करेंगे। 

कौन-कौन से अलग-अलग प्रकार के पायलट होते हैं, इसकी जानकारी यदि आपको विस्तार से चाहिए तो इस लेख को अंत तक पूरा जरूर पढ़ें।

आज हम जानेंगे

पायलट कितने प्रकार के होते हैं?

पायलट कई प्रकार के होते हैं। कुछ सबसे कॉमन अलग-अलग प्रकार के पायलट निम्नलिखित हैं –

  • कमर्शियल पायलट
  • कार्गो पायलट
  • हेलीकॉप्टर पायलट
  • मिलिट्री पायलट
  • फ्लाइट इंस्ट्रक्टर पायलट
  • फायरफाइटर पायलट 
  • टेस्ट पायलट
  • चार्टर/प्राइवेट पायलट
  • आदि 

इसके अलावा फाइटर पायलट (हालांकि यह मिलिट्री पायलट ही होते हैं), sports/amphibian pilots, Surveillance pilot, Hobby Aviator, Space Pilot, Balloonist आदि भी होते हैं, इन सभी को भी पायलट के अलग-अलग प्रकार कहा जा सकता है। 

सभी तरह के पायलट का काम हवाई जहाज उड़ाने का ही होता है, बस वे अलग-अलग प्रकार के और अलग-अलग कामों के लिए हवाई जहाज उड़ाते हैं, और इसीलिए उनके प्रकार अलग-अलग हो जाते हैं। 

यहां हमने पायलट के अलग-अलग प्रकारों में जिन मुख्य अलग-अलग प्रकार के पायलट के बारे में बात की है, अब हम उनके बारे में एक-एक करके संछिप्त में बात कर लेते हैं। 

पायलट के अलग-अलग प्रकार –

कमर्शियल पायलट (commercial pilot)

पायलट का सबसे पहला प्रकार कमर्शियल पायलट ही होता है। 

कमर्शियल पायलट वे पायलट होते हैं जो कमर्शियल प्लेन उड़ाते हैं। 

कमर्शियल प्लेन का मतलब है वे प्लेन जिनमें यात्री सफर करते हैं। 

भारत में जितने भी अलग-अलग एयरलाइन हैं जैसे एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइसजेट आदि उनकी जितनी भी flights हैं, वे सभी कमर्शियल flights हैं, और कमर्शियल पायलट इन्हीं को उड़ाते हैं। 

कमर्शियल पायलट बनने के लिए PCM के साथ 12वीं के बाद आपको DGCA approved किसी फ्लाइंग स्कूल से पायलट की ट्रेनिंग लेनी होती है, और अपना commercial pilot licence प्राप्त करना होता है। 

इसके बाद आप किसी भी एयरलाइन में कमर्शियल पायलट बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

कार्गो पायलट (cargo pilot)

कार्गो पायलट भी कमर्शियल विमानो की तरह बड़े विमान ही उड़ाते हैं बस वे cargo planes होते हैं, कार्गो प्लेन का मतलब है जिसमें यात्री नहीं बल्कि सामान (सामान्यतः बड़े और जरूरी सामान) एक जगह से दूसरी जगह ले जाए जाते हैं। 

कई बड़ी private courier service companies हैं जो cargo planes उड़वाती हैं, या फिर सरकारी कार्गो प्लेंस भी हो सकते हैं। 

Cargo पायलट बनने की प्रक्रिया भी लगभग वैसी ही होती है। 

बस इसमें बड़े कार्गो प्लेन उड़ाने का अभ्यास करना होता है। 

प्लेन उड़ाने के अभ्यास के साथ-साथ पायलट को प्लेन में सामान loading और unloading करने के लिए advance technology का इस्तेमाल आदि भी सीखना होता है। 

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हेलीकॉप्टर पायलट (helicopter pilot)

इसके नाम से ही समझ में आ जाता है कि ये वे पायलट होते हैं जो मुख्य रूप से हेलीकॉप्टर उड़ाते हैं। 

भारत में helicopter pilot के पास DGCA द्वारा जारी किया गया लाइसेंस होता है, जिससे वे भारत में एक हेलीकॉप्टर उड़ा सकने की योग्यता और अनुमति रखते हैं। 

आप अपने खुद के लिए हेलीकॉप्टर पायलट लाइसेंस बनवाकर एक हेलीकॉप्टर पायलट बन सकते हैं। 

भारत में तो बहुत कम पर विदेशों में बहुत से लोग अपना खुद का पर्सनल हेलीकॉप्टर रखते हैं। 

Helicopter का इस्तेमाल कई अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग कामों के लिए होता है, एक हेलीकॉप्टर पायलट बनकर आप सामान्यतः उनमें से किसी में भी जा सकते हैं।

मिलिट्री पायलट (military pilot)

इसके बाद मिलिट्री पायलट आ जाते हैं, इसके भी नाम से ही समझ में आता है कि जो भारतीय सेना में पायलट बनते हैं। 

मिलिट्री पायलट सुनकर ज्यादातर लोगों के मन में एयर फोर्स पायलट और उसमें भी फाइटर पायलट आता है। 

पर सिर्फ इंडियन एयरफोर्स में ही नहीं बल्कि इंडियन आर्मी,नेवी और कोस्ट गार्ड‌ (तटरक्षक बल) में हवाई जहाज उड़ाने के लिए पायलट की जरूरत होती है। 

फिर सेना में हेलीकॉप्टर, कार्गो प्लेन, फाइटर जेट होते हैं और इन सभी को उड़ाने के लिए भी अलग-अलग पायलट होते हैं, जिन्हें आर्मी, उनकी पसंद और उनकी पोस्ट के हिसाब से इन अलग-अलग विमानों को उड़ाने की ट्रेनिंग दी जाती है। ‌

फ्लाइट इंस्ट्रक्टर पायलट (flying instructor pilot)

Flying Instructor वे होते हैं जो basically नए पायलेट्स को या कहें नए विद्यार्थियों को प्लेन या helicopter उड़ाना सिखाते हैं। 

Flying instructor pilot का काम होता है कि वह नए सीखने वाले पायलेट्स को सिखाएं की विमान को कैसे सही तरीके से हैंडल किया जाता है।

यानी कि उनका काम उन्हें इंस्ट्रक्शन देने और प्रशिक्षित करने का होता है। 

ये basic flight rules, aircraft के methods of operation, cockpit के instruments, landings, taking off आदि सभी के बारे में अपने स्टूडेंट्स को सिखाते हैं।

फायरफाइटर पायलट (firefighter pilot)

Firefighter pilot का काम आग बुझाने का होता है। 

जब जंगल में बहुत बड़ी आग लगती है तो उसे कुछ आने के लिए हेलीकॉप्टर से उसके ऊपर पानी गिराया जाता है, और यह काम फायर फाइटर पायलट का ही होता है। 

इसके अलावा अगर कहीं और भी बहुत बड़ी आग लगती है तो उसे बुझाने के लिए हेलीकॉप्टर से पानी के बड़े-बड़े टैंकरों को ऊपर ले जाकर उससे पानी गिरा कर आग को बुझाया जाता है। 

और आग बुझाने के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले विमानों को उड़ाने वाले पायलट फायर फाइटर पायलट होते हैं। 

टेस्ट पायलट (test pilot)

Test pilot वे पायलट होते हैं जिनका काम नए manufacture किए गए विमानों को या फिर modify किए गए किसी पुराने विमान को test करने का होता है कि वह विमान उड़ाने के लिए सही है या नहीं। 

यह एक काफी जिम्मेदारी भरा काम होता है इसलिए इसके लिए पायलट के पास अच्छा खासा अनुभव होना भी जरूरी है। 

काफी अनुभवशाली पायलट ही टेस्ट पायलट बनते हैं।

चार्टेड/प्राइवेट पायलट (chartered/private pilot)

चार्टर/प्राइवेट पायलट का मतलब उन पायलेट्स से है जो किसी एक व्यक्ति या बिजनेस के लिए प्राइवेट प्लेन या हेलीकॉप्टर उड़ाते हैं। 

बड़े बिजनेसमैन और कंपनियां अपने लिए यानी अपने हेलीकॉप्टर या प्लेन के लिए pilot hire करते हैं जो कि यही प्राइवेट पायलट होते हैं। 

ये chartered planes या private helicopter उड़ाते हैं और इनका काम अपने customers के हिसाब से होता है।

तो यह कुछ सबसे मुख्य और कॉमन अलग-अलग प्रकार के पायलेट्स हैं। 

हालांकि जैसा हमने ऊपर थोड़ा जाना था कि इनके अलावा इन्हीं से संबंधित sports/amphibian pilots, Surveillance pilot, Hobby Aviator, Space Pilot, आदि भी होते हैं। 

हर प्रकार के पायलट का काम विमान उड़ाना ही होता है, बस से अपने काम की जरूरत के हिसाब से अलग-अलग विमान उड़ाते हैं। 

पायलट की जॉब कितने साल की होती है?

एक कमर्शियल पायलट की जॉब अलग-अलग एयरलाइंस में अलग-अलग अवधि की होती है। सामान्यत: यह 60 साल की उम्र तक होती है।

पायलट बनने के लिए कौन सा कोर्स करना होता है?

पायलट बनने के लिए आपको 12वीं के बाद एक मान्यता प्राप्त फ्लाइंग स्कूल से पायलट ट्रेनिंग कोर्स पूरा करके अपना पायलट लाइसेंस प्राप्त करना होता है।

पायलट बनने के लिए कौन सा सब्जेक्ट लेना चाहिए?

पायलट बनने के लिए उम्मीदवार का दसवीं के बाद फिजिक्स मैथ और इंग्लिश लेना जरूरी है। इन सभी विषयों में 12वीं में कम से कम 55% से ज्यादा अंक भी होने चाहिए।

पायलट बनने में कितने साल लगते हैं?

भारत में एक पायलट बनने में आपको कम से कम 2 से 3 साल लग ही जाएंगे। अलग-अलग फ्लाइंग स्कूल में पायलट कोर्स की अवधि अलग-अलग हो सकती है।

Conclusion

इस आर्टिकल में हमने ‘पायलट कितने प्रकार के होते हैं’ इस बारे में बात की है। 

यहां हमने आपको कुछ सबसे कॉमन अलग-अलग प्रकार के पायलट के बारे में जानकारी देने का प्रयास किया है। 

उम्मीद करते हैं यह आर्टिकल आपके लिए informative रहा होगा, इससे संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो आप हमें कमेंट सेक्शन में जरूर पूछें।

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