इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि रेलवे ग्रुप डी में क्या काम होता है?
दोस्तों सरकारी नौकरियों की बात करने पर ‘रेलवे की नौकरी’ बहुत से लोगों के लिए सबसे पहली priority होती है।
रेलवे में कई अलग-अलग पदों पर नौकरी के लिए कुछ अलग-अलग परीक्षाएं ली जाती हैं।
और रेलवे के प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं में रेलवे ग्रुप डी सबसे लोकप्रिय नाम में से एक है।
बहुत से उम्मीदवार सरकारी नौकरी में खासतौर पर रेलवे ग्रुप डी की नौकरी की तैयारी करते हैं।
बहुत से विद्यार्थियों का सपना रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी लेने का होता है।
इसी में, Railway group D की नौकरी से संबंधित एक बहुत ही कॉमन सवाल इसकी तैयारी कर रहे हर विद्यार्थी के मन में आता ही है, कि आखिर रेलवे ग्रुप डी में क्या काम होता है? या ग्रुप डी की नौकरी लेने पर उन्हें क्या काम दिया जाता है?
यहां इस आर्टिकल में हम मुख्य तौर पर इसी की बात करेंगे। जानेंगे कि रेलवे ग्रुप डी में क्या काम होता है?
यहां हम चर्चा करेंगे कि रेलवे ग्रुप डी में कौन-कौन से पद होते हैं, और उन पदों में पर उम्मीदवारों को क्या-क्या काम करने होते हैं?
आज हम जानेंगे
Railway group D में क्या काम होता है?
रेलवे ग्रुप डी में क्या काम होता है, जाहिर है यह निर्भर करेगा कि आपको ग्रुप डी में कौन से पद पर नियुक्त किया गया है।
क्योंकि दूसरी किसी भी नौकरी की तरह आप किस पद पर हैं, यही निर्धारित करता है कि आपको क्या काम करना होता है।
यदि पहले थोड़ा सा रेलवे ग्रुप डी के बारे में बात करें तो, रेलवे में कुल 4 ग्रुप में नियुक्ति की जाती है, जिनमें ग्रुप ए, ग्रुप बी, ग्रुप सी और ग्रुप डी है।
Group D रेलवे में सबसे निचले स्तर कि नौकरी होती है, लेकिन इसके बावजूद इसमें सैलरी और दूसरी सरकारी सुविधाएं बहुत अच्छी होती हैं।
रेलवे ग्रुप D न्यूनतम भुगतान के साथ एक बेसिक रेलवे जॉब है।
ग्रुप डी की नौकरियों में उम्मीदवार पटरियों के देखभालकर्ता या सहायक के रूप में कार्य करते हैं।
ग्रुप डी में उम्मीदवार के कामों में पटरियों, रेलवे कोच, डिपार्टमेंट, स्टोर इत्यादि का रख-रखाव शामिल होता है।
हालांकि आपका वास्तविक काम आपको मिलने वाली पोस्ट पर ही निर्भर करता है।
उदाहरण के लिए, यदि किसी को डीजल लोकोमोटिव में पदस्थ किया जाता है, तो उन का काम विशेष तौर पर लोकोमोटिव्स का रख-रखाव करना ही होता है।
Railway group D के different posts और उनके काम –
अब हम रेलवे ग्रुप डी के अंतर्गत आने वाले अलग-अलग पदों की बात कर लेते हैं, क्योंकि इन्हीं अलग-अलग पदों के हिसाब से उम्मीदवारों को ग्रुप डी में अलग-अलग काम करना होता है।
Railway group D के अंतर्गत various posts आते हैं जिनमें technical और non-technical दोनों ही पद शामिल होते हैं।
रेलवे ग्रुप डी के मुख्य posts में निम्नलिखित पद आते हैं –
- Cabinman
- Trackman
- Welder
- Fitter
- Gangman
- Group D – Store
- Group D – Engg
- Keyman
- Leverman
- Pointsman
- Porter
- Shunter
- Switchman
- Gateman
- Helper-II (Electrical/Mechanical/S & T)
Trackman
Trackman रेलवे ट्रैकों की देखभाल करने, उनका निरीक्षण और मरम्मत करने का काम करते हैं।
इनका काम हर रोज रेलवे ट्रैक का निरीक्षण करने का होता है।
ट्रैकमैन हमेशा रेलवे ट्रैक पर अपनी ड्यूटी पर तैनात रहते हैं।
ट्रैक मैन ही अक्सर रेलवे की भारी पटरियों को उठाने और बदलने आदि का काम करते हैं।
छोटे स्टेशनों पर ट्रैक को अभी भी हाथ से ही बदला जाता है, जबकि बड़े स्टेशनों पर ट्रैक ऑटोमेटिक बदले जाते हैं, Trackman का यह काम होता है।
Welder
रेलवे ग्रुप डी वेल्डर का काम रेल की पटरीयों और इसके अलावा दूसरी जगहों पर भी जहां आवश्यकता हो, वहां वेल्डिंग करने का होता है।
Welder का काम मुख्य तौर पर मशीनों के रखरखाव और उनकी मरम्मत आदि में योगदान करने का होता है।
Fitter
रेलवे ग्रुप डी में फिटर का काम रेलवे के दूसरे equipments, और मुख्य तौर पर रेलवे ट्रैक आदि की देखरेख और मेंटेन करके सब कुछ सही रखने का होता है।
Fitter का काम मुख्य तौर पर मशीन आदि और उनकी फिटिंग यानी मरम्मत करने का ही होता है।
Cabinman
रेलवे ग्रुप डी में cabinman का काम अपने cabin crew के साथ मिलकर रेलवे फाटक के गेट खोलने और बंद करने, आदि के साथ-साथ और भी इस तरह के कई काम करने का होता है।
Basically, केबिन मैन का काम trains के आवागमन को सुचारू बनाने का होता है।
Gateman
रेलवे में गेट मैन का काम manual रेल फाटकों को ट्रेन आने व जाने के समय पर बंद करने का होता है, जिससे कि दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
देश में एक लाख से अधिक रेल फाटक हैं, जिसमें 75 हजार गेटों पर गेटमैन तैनात हैं।
Trains के सुचारू आवागमन में रेलवे गेटमैन का पद अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
Gangman
Railway Gangman एक रेलवे मेट के नेतृत्व में ग्रुप के साथ रेल की पटरियों का बारीकी से निरीक्षण करते हैं, जिसमें रेल पटरियों के जॉइंट और पटरियों सम्बन्धी विभिन्न खामियां दूर की जाती हैं।
रेलवे गैंगमैन की कार्यकुशलता से ही रेलगाड़ियां पटरियों पर सुरक्षित दौड़ती हैं।
रेलवे gangman रेल के एक सेक्शन में रेल पटरियों के मेंटेनेंस के लिए जिम्मेवार होता है।
Keyman
Railway Keyman का मुख्य कार्य रेल की पटरियों को चेक करना और आवश्यकता के अनुरूप उन्हें ठीक करने का होता है।
ट्रैक पर लगे हर बोल्ट को चेक करना भी की मैन का ही काम होता है।
Group D category के इस रेलवे कर्मचारी ‘keyman’ की 6 किमी की दूरी तक ट्रैक की निगरानी करने की जवाबदेही रहती है।
Leverman
Leverman का मुख्य काम ट्रेन के जॉइंट के पास पटरी के सहारे लगे लीवर को operate करने का होता है, इसमें वह लीवर को ऑपरेट करके पटरियों को ट्रेन के अनुसार मिलाता है।
लीवर मैन की एक जरा सी गलती ट्रेन को तो उसके गंतव्य स्थान से भटका सकती है और दुर्घटनाओं की संभावना को बढ़ा सकती है।
Pointsman
Railways में Pointsman का काम रेलवे ट्रैक पर सिग्नल बदलने का होता है।
पहले के समय में रेलवे के सारे सिग्नल मैनुअल ही काम करते थे, जिसके लिये प्वॉइन्ट मैन को ट्रैक के पास जा कर ही उसे डाउन करना पड़ता था।
पर अब काफ़ी सिग्नल ऑटोमेटिक बना दिए गए हैं। लेकिन अभी भी कई जगह रेलवे ट्रैक के सिग्नल मैनुअल है, रेल के आने-जाने के दौरान प्वॉइन्ट मैन ही सिग्नल बदलते हैं।
Porter
पोर्टर का काम रेलवे में सामान को इधर से उधर पहुँचाने का होता है।
इन सामानों में लोको पायलट (इंजिन ड्राइवर) और गॉर्ड के सामान, और बक्से आदि आ जाते हैं।
कई बार porter ट्रेन के आवागमन के दौरान ग्रीन सिग्नल या झंडी भी दिखाता है।
इसके अलावा भी पोर्टर के कुछ अन्य काम होते हैं।
Shunter
रेलवे ग्रुप डी में shunter का काम रेलवे यार्ड में अव्यवस्थित खड़े लोको पॉवर, यात्री डिब्बे और वैगन को जरूरत के अनुसार शिफ्ट करवाने का होता है।
Shunter, लोको यार्ड में लोको पायलट और गॉर्ड को शंटिंग में मदद करता है।
शंटर ही रेल इंजिन से यात्री डिब्बे या वैगन को कप लिंक के माध्यम से जोड़ता है।
Switchman
रेलवे ग्रुप डी में स्विच मैन का काम भी रेलवे ट्रैक मेंटेनेंस आदि से ही संबंधित होता है।
स्विच मैन का काम जरूरत पड़ने पर रेलवे ट्रेक्स को स्विच करने का होता है। रेलवे में यह भी एक महत्वपूर्ण काम है।
Helper-II (Electrical/Mechanical/S & T)
हेल्पर का काम अपने संबंधित विभाग में किसी तरह की कोई गड़बड़ी होने पर उसे ठीक करने का होता है।
जैसे कि इलेक्ट्रिकल या मैकेनिकल डिपार्टमेंट में कुछ खराबी होने पर helper उसे ठीक करता है।
या signal department में रहने पर ये उससे संबंधित चीजें देखते हैं।
इस तरह ग्रुप डी के अलग-अलग पदों के हिसाब से उन्हें अलग-अलग काम करने होते हैं।
रेलवे ग्रुप डी के अंतर्गत जितने भी अलग-अलग पद आते हैं, उन सभी का अपना अपना काम होता है, हालांकि कई पदों के कामों में कई समानताएं भी होती हैं।
रेलवे ग्रुप डी में मुख्य तौर पर रेलवे में सहायक का ही काम करना होता है।
Conclusion
यहां ऊपर इस आर्टिकल में हमने बात की है कि रेलवे ग्रुप डी में क्या काम होता है? या रेलवे ग्रुप डी में क्या काम करना होता है?
बहुत से विद्यार्थी रेलवे में ग्रुप डी में नौकरी लेने के लिए तैयारी करते हैं।
ऐसे में उन्हें इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि रेलवे ग्रुप डी में कौन-कौन से अलग-अलग पद हैं, और उनमें क्या अलग-अलग काम करने होते हैं।
यहां हमने इसी के बारे में अच्छे से चर्चा की है।
Akash, Padhaipur के Writter है। इन्होंने 2020 में अपनी M.A (हिंदी) की पढ़ाई पूरी की।इनको किताबें पढ़ने का बहुत शौक़ है, इसके अलावा इन्हें लिखना भी बहुत पसंद है।