इस आर्टिकल में हमारा टॉपिक है ‘प्रोफ़ेसर बनने के लिए योग्यता’।
प्रोफेसर बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए? प्रोफेसर बनने के लिए कौन सी डिग्री चाहिए?
दोस्तों टीचिंग लाइन अभी विद्यार्थियों के लिए करियर के सबसे मुख्य विकल्पों में से एक है।
इसी में, बहुत से विद्यार्थी आगे चलकर टीचिंग लाइन में एक प्रोफ़ेसर बनना चाहते हैं।
प्रोफेसर को एक तरह से हम टीचिंग लाइन में सबसे ऊंची पोस्ट कह सकते हैं।
एक प्रोफेसर का काम न सिर्फ एक टीचर की तरह पढ़ाना बल्कि रिसर्च करना, एडमिनिस्ट्रेटिव इशू सोल्व करने आदि का भी होता है।
जो विद्यार्थी आगे चलकर प्रोफेसर बनना चाहते हैं, उन सभी के मन में शुरूआत में यह सवाल जरुर रहता है कि प्रोफेसर बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?
इस आर्टिकल में हम इसी के बारे में विस्तार से बात करेंगे।
यहां हम ‘प्रोफेसर बनने के लिए योग्यता’ से संबंधित जो भी जरूरी बातें हैं, उन सभी के बारे में विस्तार से बात करेंगे।
आज हम जानेंगे
प्रोफेसर बनने के लिए योग्यता
प्रोफेसर बनने के लिए आपके पास पीएचडी (PhD) या M.Phil की डिग्री होना जरूरी है।
तो Professor बनने के लिए जरूरी योग्यता 12वीं पास, फिर ग्रेजुएशन पास, फिर पोस्ट ग्रेजुएशन पास, और फिर PhD (या M.Phil) की डिग्री हो जाती है।
भारत में अगर आप एक प्रोसेसर बनना चाहते हैं तो उसके लिए आपके पास पीएचडी की डिग्री होना जरूरी हो जाता है।
पीएचडी कोर्स में basically आपको अपने विषय में रिसर्च करना होता है, जिससे कि आपको आपके विषय का गहन ज्ञान हो जाता है।
और उसके बाद आप उस विषय को एक प्रोफेसर के तौर पर कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ा सकते हैं।
अपने PhD के दौरान आप असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में काम कर सकते हैं, और पीएचडी पूरा हो जाने के बाद आप professor के पोस्ट पर जाते हैं।
प्रोफेसर बनने के लिए जरूरी योग्यताओं को हम इस प्रकार विस्तार से समझ सकते हैं –
- उम्मीदवार को मान्यता प्राप्त बोर्ड से कम से कम 50% अंकों के साथ 12वीं पास होना चाहिए।
- इसके बाद उम्मीदवार को अच्छे अंकों के साथ ग्रेजुएशन (बैचलर डिग्री) पास करना होगा।
- इसके बाद उन्हें अच्छे अंकों के साथ पोस्ट ग्रेजुएशन (मास्टर डिग्री) पूरा करना होगा।
- मास्टर्स डिग्री के बाद PhD कोर्स में एडमिशन लेने के लिए उन्हें UGC-NET, TIFR, JRF-GATE या स्टेट लेवल के एंट्रेंस परीक्षा पास करनी होगी।
- पीएचडी कोर्स पूरा कर लेने के बाद आप यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर पद के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
तो एक professor बनने के लिए जरूरी योग्यता की विस्तार से बात करें तो यह कुछ इसी प्रकार से होगी।
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प्रोफेसर बनने की प्रक्रिया
योग्यता के बारे में बात कर लेने के बाद अब हम प्रोफेसर बनने की प्रक्रिया के बारे में बात करेगें।
इससे पहले हम प्रोसेसर, या कहें प्रोसेसर के post के बारे में थोड़ा बात करें तो, सामान्य रूप से एक कॉलेज या यूनिवर्सिटी के सीनियर टीचर को प्रोफ़ेसर कहा जाता है।
एक प्रोफेसर अपने स्पेसिफिक क्षेत्र या सब्जेक्ट में स्पेशलिस्ट/एक्सपर्ट होता है।
जहां टीचर मुख्यत: सिर्फ पढ़ाने का ही काम करते हैं, वहीं एक प्रोफ़ेसर के काम में छात्रों को पढ़ाना, रिसर्च करना, एडमिनिस्ट्रेटिव इशू को सोल्व करना आदि जैसी कई जिम्मेदारियां आती हैं।
प्रोफेसर कई प्रकार के होते हैं, इनमें assistant professor, associate professor, head of department, visiting professor, Emeritus professor आदि आते हैं।
करियर की शुरुआत में आप एक असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर ज्वाइन करते हैं, और उसके बाद बढ़ते अनुभव के आधार पर ऊंचे post पर जाते हैं।
अब हम ऑफिसर बनने की प्रक्रिया के बारे में थोड़ा विस्तार से स्टेप बाय स्टेप बात कर लेते हैं –
Step 1 – 12वीं पास करें
सबसे पहला स्टेप तो यही है कि आप 12वीं पास करें।
आप जिस भी विषय के प्रोफ़ेसर बनना चाहते हैं, दसवीं के बाद आपको उसी स्ट्रीम की पढ़ाई करनी चाहिए।
आपकी जिस भी विषय में रुचि हो, उसी विषय के साथ आप अच्छे अंकों के साथ मान्यता प्राप्त संस्थान से 12वीं पास करें।
Step 2 – Graduation पूरी करें
12वीं पास करने के बाद, आप जिसे भी विषय के प्रोफेसर बनना चाहते हैं आपको उसी विषय के साथ ग्रेजुएशन पूरा करना होगा।
Graduation यानी बैचलर डिग्री में आपको कम से कम 55% अंकों के साथ अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करनी होगी।
हालांकि जाहिर है ग्रेजुएशन में आप जितने ज्यादा अंक लाते हैं आपके लिए उतना ही अच्छा है।
Step 3 – Post Graduation पूरी करें
अपने पसंद के विषय में ग्रेजुएशन पूरी कर लेने के बाद आपको उसी विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन यानी मास्टर्स डिग्री पूरी करनी होती है।
आपको आपको कम से कम 50%-55% के साथ masters degree में पास होना ज़रूरी है, क्यूंकि मास्टर डिग्री में पास होने के बाद ही आप PhD के लिए योग्य होते हैं जो कि प्रोफेसर बनने के लिए सबसे जरूरी डिग्री होती है।
Step 4 – PhD Entrance exam (NET/SLET) पास करें
पोस्ट ग्रेजुएशन यानी मास्टर्स डिग्री पूरा कर लेने के बाद आपको पीएचडी में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा देनी होती है।
इसमें NET समेत कुछ राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षाएं भी आती हैं। NET, UGC (University Grants Commission) द्वारा आयोजित की जाती है।
राज्य स्तरीय परिक्षाओं में TIFR, JRF-GATE, SLET आदि या आपके राज्य में आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा में से कोई पास करनी होगी।
इन परीक्षाओं के लिए मास्टर्स डिग्री चाहिए होती है।
NET क्लियर करने के बाद आवेदक किसी भी यूनिवर्सिटी या कॉलेज में एक असिस्टेंट प्रोफेसर की पोजीशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
Step 5 – PhD या M.Phil पूरी करें
इसके बाद आपका पीएचडी में दाखिला हो जाता है।
पीएचडी के समकक्ष M.Phil की डिग्री भी आती है।
पीएचडी का पूरा नाम डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी और एम फील का पुरा नाम मास्टर ऑफ फिलॉसफी होता है।
दोनों ही research courses हैं, पर पीएचडी को ज्यादा मान्यता दी जाती है।
इसे कर लेने के बाद उम्मीदवार कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ा सकते हैं।
पीएचडी पूरा हो जाने के बाद आप प्रोफेसर के पद पर जा सकते हैं।
उसके बाद जैसे-जैसे आपका अनुभव बढ़ता है, उस हिसाब से आपका पद भी बढ़ता है।
12वीं के बाद प्रोफेसर बनने के लिए आपको ग्रेजुएशन, फिर पोस्ट ग्रेजुएशन और उसके बाद PhD की डिग्री पूरी करनी होगी।
अभी भारत में एक प्रोफेसर बनने के लिए उम्मीदवार के पास पीएचडी की डिग्री होना अनिवार्य है।
एक प्रोफेसर बनने में आपको अच्छा खासा समय लगता है। 12वीं के बाद से, इसमें ग्रेजुएशन, फिर पोस्ट ग्रेजुएशन और फिर PhD, सब कुछ करने में कई साल लग जाते हैं।
असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष है। प्रोफेसर बनने के लिए अधिकतम आयु की कोई सीमा निर्धारित नहीं है।
Conclusion
ऊपर इस आर्टिकल में हमने प्रोफेसर बनने के लिए योग्यता के बारे में बात की है।
यहां हमने आपको प्रोफेसर बनने के लिए जरूरी योग्यता और प्रोफेसर बनने के प्रोसेस के बारे में अच्छे से जानकारी देने का प्रयास किया है।
उम्मीद करते हैं यह आर्टिकल आपके लिए informative रहा होगा, इससे संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो आप हमें कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।
Akash, Padhaipur के Writter है। इन्होंने 2020 में अपनी M.A (हिंदी) की पढ़ाई पूरी की।इनको किताबें पढ़ने का बहुत शौक़ है, इसके अलावा इन्हें लिखना भी बहुत पसंद है।