दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि पीएचडी की फीस कितनी होती है? पीएचडी करने में कितने तक का खर्चा सकता है? आदि।
दोस्तों जिन विद्यार्थियों की अपने किसी एक खास विषय में ज्यादा पढ़ने में रुचि होती है, वे स्नातक और स्नातकोत्तर के बाद पीएचडी की डिग्री के लिए जाते हैं जो विद्यार्थी द्वारा चुने गए विषय में रिसर्च और थीसिस की पढ़ाई होती है।
पीएचडी कर लेने के बाद विद्यार्थी अपने विषय के विशेषज्ञ बन जाते हैं।
अब बहुत से विद्यार्थियों के मन में यह सवाल आता है कि पीएचडी की फीस कितनी होती है, और यहां हम इसी के बारे में जानेंगे।
बहुत से विद्यार्थी एमएससी आदि पूरी कर लेने के बाद पीएचडी के लिए जाना चाहते हैं लेकिन उनमें से कईयों को इसकी फीस आदि की पूरी सही जानकारी नहीं होती, जिससे उन्हें PhD में दाखिला लेने में कठिनाई आ सकती है।
यहां हम पीएचडी कोर्स की फीस के साथ साथ इस कोष से संबंधित दूसरी कुछ जरूरी बातों पर भी चर्चा करेंगे।
आज हम जानेंगे
पीएचडी की फीस कितनी है 2023 ? (phd ki fees kitni hai)
सरकारी कॉलेजों में पीएचडी की औसतन फीस 15-20 हज़ार रुपए तक रहती है। कई सरकारी कॉलेजों में यह 25 से 30 हज़ार तक भी जाती है। वहीं प्राइवेट कॉलेजों में पीएचडी की फीस 5-6 लाख रुपए तक भी जा सकती है।
सरकारी कॉलेजों में दाखिले के लिए आपको सामान्यतः प्रवेश परीक्षा पास करनी होती है, जबकि कई प्राइवेट कॉलेजों में आपको मेरिट के आधार पर दाखिला मिल जाता है।
पीएचडी की फीस के बारे में detail में बात करने से पहले थोड़ा संक्षेप में खुद इस कोर्स के बारे में जान लेते हैं।
पूरे नाम से शुरू करें तो PhD का फुल फॉर्म Doctor Of Philosophy होता है।
पीएचडी एक Doctoral Degree है, आपने देखा होगा कि डॉ० ना होने के बावजूद कई लोगों के नाम के आगे डॉक्टर लगा होता है, असल में उन्होंने PhD का कोर्स कर रखा होता है, जिससे वह अपने नाम के आगे डॉक्टर लगा सकते हैं।
पीएचडी की पढ़ाई में आपको एक विशेष विषय पर अध्ययन, रिसर्च और थीसिस आदि करना होता है।
फिर जब आपको उस विषय का पूरा ज्ञान हो जाता है और आप उस विषय में एक्सपर्ट हो जाते हैं तो आपको PhD Degree दी जाती है।
यादि आप किसी University या College में प्रोफेसर बनना चाहते हैं या फिर आगे रिसर्च का करना चाहते हैं तो आपको पीएचडी का कोर्स करना जरूरी होता है।
अब सीधा फीस की बात करें तो दूसरे ज्यादातर courses की तरह पीएचडी कोर्स की फीस भी अलग-अलग शिक्षण संस्थानों यानी अलग-अलग कॉलेज में अलग-अलग होती है।
एक सरकारी कॉलेज में पीएचडी की फीस और प्राइवेट कॉलेज में पीएचडी की फीस में काफी ज्यादा अंतर होता है, वहीं अलग-अलग राज्यों के कॉलेजों में भी पीएचडी के लिए फीस में अंतर देखने को मिलता है।
कुछ कॉलेजों में जहां आप कुछ हजार रुपए के खर्च में अपनी पीएचडी की पढ़ाई पूरी कर लेंगे, वहीं कुछ कॉलेजों में आपको इसके लिए लाखों रुपए तक फीस के रूप में देने पड़ सकते हैं।
सरकारी कॉलेज में पीएचडी की फीस
जाहिर है दूसरे किसी भी कोर्स की तरह पीएचडी के कोर्स के लिए भी सरकारी कॉलेज कम फीस ही लेते हैं। अब ऐसा नहीं है कि हर सरकारी कॉलेज की पीएचडी के कोर्स के लिए एक निर्धारित फीस है।
अलग-अलग सरकारी कॉलेजों में भी पीएचडी की फीस में अंतर होता है। फीस का निर्धारण कॉलेज अपने अपने स्तर से करते हैं।
एक औसत फीस की बात करें तो सरकारी कॉलेजों में पीएचडी कोर्स की फीस 20 से 25 हज़ार रुपए प्रति वर्ष तक रहती है।
कोर्स अवधि की बात करें तो पीएचडी सामान्यत: 3 साल की अवधि का कोर्स है जिसे 6-6 महीने के सेमेस्टर में बांटा जाता है। इस तरह 6 सेमेस्टर में कुल फीस लगभग डेढ़ लाख रुपए तक जाती है।
यह एक औसतन फीस है, जिसमें आपको अंतर देखने को मिल सकता है। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में यह फीस और भी कम रह सकती है, लेकिन उन में दाखिले के लिए आपको प्रवेश परीक्षा से गुजर ना होता है।
कुछ सरकारी कॉलेजों में तो पीएचडी के विद्यार्थियों को स्टाइपेंड भी दिया जाता है।
विद्यार्थियों को लगभग ₹30000 तक का स्टाइपेंड मिलता है, जिससे कि विद्यार्थी पीएचडी कोर्स की सालाना फीस के साथ साथ अपना कुछ खर्च भी निकाल सकते हैं।
Private college में पीएचडी की फीस
ज्यादातर विद्यार्थियों की पहली choice एक सरकारी कॉलेज से ही पीएचडी करने की होती है।
लेकिन यदि उन्हें के लिए सरकारी कॉलेज में एडमिशन नहीं मिलता तो वे प्राइवेट से भी पीएचडी कर सकते हैं। लेकिन यहां उन्हें इस कोर्स की फीस सरकारी कॉलेजों की तुलना में काफी ज्यादा देनी पड़ती है।
जहां सरकारी कॉलेजों में पीएचडी की फीस 20 से 25 हज़ार रुपए प्रति वर्ष तक रहती है, वहीं प्राइवेट कॉलेज पीएचडी जैसे कोर्स के लिए सालाना 1.5 से 2 लाख रुपए तक की फीस भी वसूलते हैं।
हां, यह पूरे कोर्स की नहीं बल्कि सिर्फ 1 साल की फीस है। इस तरह 3 साल के लिए जोड़े तो पूरी फीस लगभग 600000 रुपए तक चली जाती है जो कि कई विद्यार्थियों के लिए काफी ज्यादा बड़ी रकम है।
हालांकि फीस ज्यादा होती है, लेकिन अच्छे प्राइवेट कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता भी अच्छी होती है, जिससे कि विद्यार्थी बेहतर पढ़ाई करके बेहतर पदों पर नौकरी लेने के योग्य बनते हैं।
अलग-अलग प्राइवेट कॉलेजों में भी PhD की फीस में अंतर हो सकता है फीस की सटीक जानकारी के लिए सबसे अच्छा होता है, कि विद्यार्थी कॉलेज से ही सीधा संपर्क करके फीस की जानकारी प्राप्त करें।
PhD के लिए योग्यता
किसी भी कोर्स में दाखिले के लिए कुछ जरूरी योग्यताएं चाहिए होती है, फिर पीएचडी तो काफी ऊंचे लेवल का कोर्स होता है।
पीएचडी के लिए जरूरी शैक्षणिक योग्यता में उम्मीदवार का कम से कम पोस्ट ग्रेजुएट होना तो जरूरी होता ही है। इसलिए सबसे पहले पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा करें, अंको की बात करें तो उम्मीदवार के पोस्ट ग्रेजुएशन में 55% नंबर होने चाहिए। इसमें आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 5% की छूट मिलती है।
हर यूनिवर्सिटी के लिए minimum required percentage में थोड़ा-बहुत अंतर हो सकता है। उम्र सीमा की बात करें तो पीएचडी की कोई एज लिमिट नहीं होती है।
आप अपने मास्टर्स यानी m.sc के सब्जेक्ट में ही पीएचडी कर सकते हैं। इनके अलावा यदि बात करें तो उम्मीदवार की पढ़ाई में रुचि होनी चाहिए क्योंकि इसमें रिसर्च और थीसिस होता है।
पीएचडी के लिए बहुत ज्यादा पढ़ना होता है। अगर उम्मीदवार का मन किताबों में नहीं लगता तो PhD उनके लिए नहीं है।
Masters यानी पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके विद्यार्थी पीएचडी का कोर्स कर सकते हैं। जिन्होंने रिसर्च फील्ड में थोड़ा काम किया होता है, वैसे उम्मीदवारों को पीएचडी में प्राथमिकता दी जाती है।
पीएचडी में आपको किसी एक विषय को लेकर ही उसकी पढ़ाई और उसी विषय पर रिसर्च करनी होती है। पीएचडी में आपका एक ही मेन रिसर्च सब्जेक्ट होता है।
आधिकारिक तौर पर पीएचडी 3 साल का कोर्स है हालांकि इसे करने के लिए आपको 6 साल का समय दिया जाता है। रिसर्च में समय लगता है, इसीलिए आपको ज्यादा समय दिया जाता है।
प्रोफेसर बनने के लिए आपको पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद पीएचडी या MPhil में से कोई 1 डिग्री पूरी करनी होती है।
Conclusion
ऊपर दिए गए इस आर्टिकल में हमने पीएचडी कोर्स के फीस के बारे में बात की है। जो विद्यार्थी अपने पसंद के विषय में ज्यादा पढ़ना और रिसर्च करना चाहते हैं, वे masters आदि पूरी करने के बाद पीएचडी के कोर्स में एडमिशन लेना चाहते हैं।
इस कोर्स में दाखिला लेने से पहले विद्यार्थियों को इसकी फीस से संबंधित सारी जानकारी पता होनी चाहिए ताकि बाद में उन्हें कोई समस्या ना हो, क्योंकि हर विद्यार्थी की financial condition उनकी पढ़ाई के लिए काफी मायने रखती है।
Akash, Padhaipur के Writter है। इन्होंने 2020 में अपनी M.A (हिंदी) की पढ़ाई पूरी की।इनको किताबें पढ़ने का बहुत शौक़ है, इसके अलावा इन्हें लिखना भी बहुत पसंद है।