इस आर्टिकल में हमारा टॉपिक है ‘मैथ साइंस में कितने सब्जेक्ट होते हैं?’।
साइंस मैथ में कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं?
दसवीं के बाद मैथ साइंस में कितने सब्जेक्ट होते हैं?
दोस्तों दसवीं कक्षा पास करने के बाद साइंस स्ट्रीम चुनने वाले विद्यार्थी या तो मैथ साइंस या फिर बायो साइंस में से ही कोई एक चुनते हैं।
अब जो विद्यार्थी इसमें मैथ साइंस का चुनाव करते हैं, शुरुआत में उनमें से कई विद्यार्थियों के मन में इस स्ट्रीम के विषयों को लेकर यह सवाल रहता है कि मैथ साइंस में कितने सब्जेक्ट होते हैं?
यानी मैथ साइंस में उन्हें कौन-कौन से विषय पढ़ने होते हैं।
इस आर्टिकल में हम मुख्य तौर पर इसी पर बात करेंगे।
यहां हम आपको मैथ साइंस के अंतर्गत आने वाले सभी विषयों के बारे में अच्छे से जानकारी देंगे, इसलिए आप इस लेख को अंत तक पूरा जरूर पढ़ें।
आज हम जानेंगे
मैथ साइंस में कितने सब्जेक्ट होते हैं?
10वीं के बाद, 11वीं और 12वीं में मैथ साइंस लेने वाले विद्यार्थियों को निम्नलिखित विषय पढ़ने होते हैं –
- Mathematics (गणित)
- Physics (भौतिक शास्त्र)
- Chemistry (रसायन शास्त्र)
- Hindi (हिंदी)
- English (अंग्रेजी)
- Physical Education/Arts/Music/Computer (Optional Subject)
10वीं पास करने के बाद अगर आप मैथ साइंस स्ट्रीम का चुनाव करते हैं तो 11वीं और 12वीं कक्षा में आपको इन्हीं विषयों को पढ़ाना होता है।
इसमें से पहले पांच सब्जेक्ट Maths, Physics, Chemistry, Hindi, English आपके मुख्य विषय होते हैं।
और इसके अलावा एक छठा विषय आपको ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर लेना होता है।
जिसमें कि आप फिजिकल एजुकेशन, आर्ट, म्यूजिक, कंप्यूटर आदि में से कोई भी एक विषय अपनी रुचि अनुसार ले सकते हैं।
इसके अलावा हिंदी और इंग्लिश भाषा के subjects हैं।
इसमें इंग्लिश तो सभी जगह होता है, बाकी जहां हिंदी नहीं बोली जाती है वहां हिंदी के जगह पर वहां इस्तेमाल होने वाली भाषा होती है।
हिंदी विषय के जगह पर उर्दू, बांग्ला, तमिल, तेलुगू, मराठी आदि जैसी भाषाएं हो सकती हैं।
10वीं के बाद मैथ साइंस में कितने सब्जेक्ट होते हैं?
10वीं के बाद मैथ साइंस लेने पर आपको –
- Mathematics (गणित)
- Physics (भौतिक शास्त्र)
- Chemistry (रसायन शास्त्र)
- Hindi (हिंदी)/ Other Language
- English (अंग्रेजी)
- Physical Education/Arts/Music/Computer (Optional Subject)
यही सारे विषय पढ़ने होते हैं, इनके बारे में हम ऊपर जान ही चुके हैं।
मुख्य विषय यानी Maths, Physics, Chemistry, Hindi और English तो सभी विद्यार्थी कॉमन रूप से पढ़ते हैं, पर ऑप्शनल सब्जेक्ट अलग-अलग विद्यार्थी अलग-अलग ले सकते हैं।
12वीं की बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थी का सभी मुख्य विषयों में पास होना जरूरी है।
पर यहीं पर इस ऑप्शनल सब्जेक्ट का एक बड़ा फायदा यह हो जाता है कि यदि विद्यार्थी किसी मुख्य विषय में फेल करता है लेकिन वह अपने ऑप्शनल विषय में पास होता है, तो उसे ओवरऑल पास माना जाता है।
और यही नहीं बल्कि उस ऑप्शनल विषय का अंक अन्य सभी विषयों के अंक के साथ जुड़कर final result भी बनाता है।
तो 12वीं बोर्ड परीक्षा में यदि कोई विद्यार्थी अपने किसी मुख्य विषय में फेल करता है तो अपने ऑप्शनल विषय में अच्छे अंक लाकर वह overall अच्छा रिजल्ट बना सकता है।
मैथ साइंस में कौन-कौन से सब्जेक्ट आते हैं?
अब हम थोड़ा सा मैथ यानी गणित के अंतर्गत आने वाले अलग-अलग विषयों की बात करते हैं, कि साइंस में मैथ के अंतर्गत कौन-कौन से सब्जेक्ट आते हैं?
तो मैथ के अंतर्गत आने वाले विषयों या कहें main branches of mathematics में निम्नलिखित सब्जेक्ट्स आते हैं –
- Algebra
- Number Theory
- Geometry
- Arithmetic
- Trigonometry
- Mathematical Analysis (Calculus)
- etc.
असल में ये मैथ के अंतर्गत आने वाले topics ही हैं, जोकि आगे की कक्षाओं में जाकर broad हो जाते हैं और इन्हें हम मैथ के अंतर्गत आने वाले subjects की तरह ही पढ़ने लगते हैं।
निचली कक्षाओं में हम गणित की जो किताबें पढ़ते हैं उसमें यह सारे chapters ही होते हैं।
निचली कक्षाओं में हम इनके basics को पढ़ते हैं, और आगे की कक्षाओं में जाकर यही topics काफी vast हो जाते हैं।
इनके अलावा मैथ्स के और भी कुछ topics हैं जिनकी गिनती branches of maths में होती है।
इनमें Arithmetic, Combinatorics, Topology, Calculus, Statistics and Probability, Set Theory आदि आते हैं।
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मैथ साइंस लेने के फायदे
अब हम 10वीं कक्षा के बाद मैथ साइंस लेने के कुछ महत्वपूर्ण फायदों के बारे में थोड़ा बात कर लेते हैं।
सीधे-सीधे ऐसा भी कह सकते हैं कि जो विद्यार्थी इंजीनियरिंग में करियर बनाना चाहते हैं वे 10वीं के बाद मैथ साइंस का चुनाव करते हैं।
जबकि जो मेडिकल लाइन में करियर बनाना चाहते हैं वह बायोलॉजी साइंस चुनते हैं।
तो यदि आपका लक्ष्य इंजीनियरिंग या इससे संबंधित किसी टेक्निकल फील्ड में करियर बनाने का है तो मैथ साइंस लेने से ही आपको फायदा है।
मैथ्स साइंस लेने के बाद आपके पास करियर ऑप्शन के रूप में बहुत सारे विकल्प रह जाते हैं।
आप इंजीनियरिंग आदि में तो जा ही सकते हैं, साथ ही आप लगभग उन सभी courses और नौकरियों के लिए भी आवेदन करने के योग्य होते हैं, जो आर्ट्स और कॉमर्स के विद्यार्थियों के लिए होते हैं।
Maths Science क्या विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध करियर ऑप्शंस की बात करें तो इसमें –
- Engineering
- IT sector
- Architecture
- Research and Development
- Data Science and Analytics
- Aviation and Aeronautics
- Mathematical Sciences
- Defence Services
- etc.
आदि समेत और भी कई अच्छे नाम आते हैं।
और इन सभी नौकरियों में काम के हिसाब से सैलरी आदि भी काफी अच्छी खासी ही होती है।
आज के समय में साइंस स्ट्रीम और उसमें भी मैथ की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को ऐसे देखा जाता है कि उनके पास सबसे secure career options होते हैं।
FAQ
10वीं के बाद मैथ साइंस में विद्यार्थियों को Maths, Physics, Chemistry, Hindi और English ही मुख्य विषय के रूप में पढ़ने होते हैं।
ऊंची कक्षा में जाने पर गणित के अंतर्गत कई विषय आ जाते हैं, इनमें Algebra, Number Theory, Geometry, Arithmetic, Trigonometry, Mathematical Analysis (Calculus) आदि आते हैं।
गणित के जनक के रूप में आर्कमिडीज को जाना जाता है। हालांकि भारतीय गणित के जनक के रूप में आर्यभट्ट का नाम आता है।
Conclusion
10वीं के बाद मैथ साइंस में विद्यार्थियों को Maths, Physics, Chemistry, Hindi और English ही मुख्य विषय के रूप में पढ़ने होते हैं।
इनके अलावा उन्हें Physical Education/Arts/Music/Computer आदि में से कोई एक ऑप्शनल सब्जेक्ट भी लेना होता है।
उम्मीद करते हैं इस लेख में उपलब्ध कराई गई जानकारी आपके लिए कुछ informative रही होगी।
इससे संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो आप हमें कमेंट सेक्शन में जरूर पूछें।